कोरोना काल में हमने अपने आसपास के कई लोगों को खोया है। परिवार के किसी सदस्य की असमय मृत्यु हो जाने पर आजीविका का बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाता है और इसी दौरान दिवंगत की संपत्ति और बैंक खातों आदि की रकम पाने के लिए बहुत सारी उलझनों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में क्या करें…? इस बात को ध्यान में रखते हुए हम बैंकिंग मामलों के जानकार एडवोकेट आकाश शुक्ला का यह आलेख पाठकों के लिए लाए हैं। उम्मीद है उपयोगी होगा। इस संबंध में पाठकों के कोई सवाल हो तो कृपया हमें मेल करें, हम कोशिश करेंगे कि उनका जवाब भी संबंधित प्रश्नकर्ता को मिल सके और पाठकों की शंकाओं, जिज्ञासाओं का समाधान हो सके- संपादक
मृतक के उत्तराधिकारी के ध्यान रखने योग्य बातें
यदि मृतक द्वारा नॉमिनेशन किया गया है तो नॉमिनी बैंक में जमा समस्त राशि को प्राप्त करने का अधिकारी रहता है। यदि नॉमिनेशन नहीं है तो मृतक के खाते की राशि प्राप्त करने के लिए सभी बैंकों में मृत्यु दावा फार्म मिलता है। फार्म को विधिवत भरकर जमा करने पर, बैंक द्वारा जांच करने के बाद, मृतक के खाते की राशि का भुगतान उत्तराधिकारियों को किया जाता है। उक्त भुगतान समस्त उत्तराधिकारियों की सहमति से किया जाता है। यदि उत्तराधिकारियों में विवाद है तब मृतक के खाते की राशि का भुगतान न्यायालय द्वारा जारी किए गए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर किया जाता है।
मृतक द्वारा यदि ऋण लिया गया है, तो उस स्थिति में इस बात की जांच कर ले कि मृतक ने अपने ऋण की रक्षा के लिए ऋण रक्षा पॉलिसी तो नहीं ली थी। मृतक द्वारा ऋण लेते समय ऋण रक्षा पॉलिसी ली गई हो तो ली गई पॉलिसी के अनुसार शेष ऋण का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा क्लेम फॉर्म भरने पर कर दिया जाता है। ऋण लेते समय यदि संपत्ति बंधक रखी गई है तो संपत्ति के स्वामी की मृत्यु के पश्चात ऋण का भुगतान नहीं करने पर बैंक द्वारा बंधक संपत्ति सरफेसी एक्ट के अंतर्गत अधिग्रहित कर एवं विक्रय कर ऋण की वसूली की जा सकती है। इसलिए मृतक के उत्तराधिकारियों का दायित्व है, कि वे मृतक के ऋण का भुगतान करें जिससे बैंक द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों से बचा जा सके।
यदि मृतक द्वारा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा की प्रीमियम राशि रुपये 330 का भुगतान प्रतिवर्ष किया जा रहा हो, तो उसे मृतक के खाते से चेक कर लें। यदि मृतक द्वारा प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो मृतक के नॉमिनी या उत्तराधिकारी बैंक से फार्म प्राप्त कर एवं उसे भरकर जमा करके बीमा कंपनी से मृत्यु दावा की बीमा राशि ₹ 200000 का भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा लगभग सभी बैंक के खातों में उपलब्ध है।
एटीएम कार्ड धारकों को सामूहिक दुर्घटना बीमा भी बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है। दुर्घटना से मृत्यु होने की स्थिति में बैंकों से जानकारी प्राप्त कर एवं क्लेम फॉर्म भरकर दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में उक्त राशि प्राप्त की जा सकती है। कुछ बैंकों द्वारा अपने खाताधारकों को कम प्रीमियम पर दुर्घटना बीमा की सुविधा प्रदान की जाती है। यदि मृतक द्वारा बैंक से मृत्यु दुर्घटना बीमा लिया गया है एवम् उसके प्रीमियम का नियमित भुगतान किया जा रहा है, तो खाता धारक के खाते से जांच कर लें। खाता धारक की मृत्यु होने पर उक्त मृत्यु दुर्घटना बीमा की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान क्लेम फॉर्म भरकर जमा करने पर बीमा कंपनी द्वारा खाताधारक के नामिनी या उत्तराधिकारियों को किया जाता है।
मृतक द्वारा किसी भी कंपनी से जीवन बीमा की पॉलिसी क्रय की गई है, तो पालिसी धारक की मृत्यु के पश्चात बीमा कंपनी द्वारा क्लेम फार्म निर्धारित प्रारूप में जमा करने पर मृतक के नॉमिनी या उत्तराधिकारियों को पात्रता होने पर मृत्यु दावा की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है। बैंक, जीवन बीमा या साधारण बीमा कंपनी से मृत्यु पश्चात राशि का भुगतान प्राप्त करने के लिए गैर विवादित स्थिति में नॉमिनेशन होने पर नामिनी को या समस्त उत्तराधिकारियों को सबकी सहमति से भुगतान किया जाता है। विवाद की स्थिति में सक्षम न्यायालय का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर उत्तराधिकारियों को भुगतान किया जाता है। (मध्यमत)
डिस्क्लेमर- ये लेखक के विचार हैं।
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