घर की नई नवेली इकलौती बहू एक प्राइवेट बैंक में बड़े ओहदे पर थी। उसकी सास तकरीबन एक साल पहले ही गुज़र चुकी थी। घर में बुज़ुर्ग ससुर औऱ उसके पति के अलावे कोई न था। पति का अपना कारोबार था। पिछले कुछ दिनों से बहू के साथ एक विचित्र बात होती। बहू जब जल्दी […]
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शुभरात्रि कविता
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आज के बाद…!
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हमने कारोबार से छुट्टी ले ली है
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आज के हालात पर एक सुंदर कविता…
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