Indo Pak War
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Indo Pak War : नई दिल्ली। भारत – पाक युद्ध खतरे के बीच राज्यों को मॉक ड्रिल के निर्देश गृह मंत्रालय द्वारा दे दिए गए हैं। एलओसी पर बढ़ते तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के इस निर्णय पर सभी की नजर है। केंद्र ने सोमवार को उत्तरी और पश्चिमी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में नागरिक सुरक्षा तंत्र का परीक्षण करने और उसे मजबूत करने का निर्देश दिया है।

गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 7 मई को मॉक ड्रिल करने को कहा है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन चालू करने, चुनिंदा इलाकों में क्रैश ब्लैकआउट उपायों को लागू करने और छात्रों समेत नागरिकों को हवाई या जमीनी हमले के दौरान पालन किए जाने वाले सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित करने को कहा गया है।

बुनियादी ढांचे को छिपाने का प्रयास :

अन्य प्रमुख उपायों में निकासी योजनाओं का पूर्वाभ्यास करना और बिजली संयंत्रों और सैन्य-संबंधित बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को पहले से ही छिपाना शामिल है। इन निर्देशों का उद्देश्य नागरिक आबादी और प्रशासनिक मशीनरी की तैयारियों को बढ़ाना है। राजधानी दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकों की कड़ी जारी रहने के दौरान ये निर्देश जारी किए गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने जापानी समकक्ष जनरल नकातानी सान से मुलाकात की, जबकि रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक की है।

LoC पर किसी भी समय हमला हो सकता है :

इधर बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को चेतावनी दी कि भारत कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर किसी भी समय सैन्य हमला कर सकता है। आसिफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव चरम पर है। मंत्री ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि, “ऐसी खबरें हैं कि भारत नियंत्रण रेखा पर किसी भी बिंदु पर हमला कर सकता है। नई दिल्ली को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की शांति की अपील :

भारत – पाकिस्तान तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि, “भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पिछले कई सालों में सबसे ज़्यादा है। मैं दोनों देशों की सरकारों और लोगों तथा संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में उनके महत्वपूर्ण योगदान का बहुत सम्मान करता हूं और उनका बहुत आभारी हूं, इसलिए मुझे यह देखकर दुख होता है कि दोनों देशों के रिश्ते इतने ख़राब हो गए हैं। मैं एक बार फिर उस (पहलगाम) हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को विश्वसनीय और कानूनी तरीक़े से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”

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