नई दिल्ली, मई 2016/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केरल और तमिलनाडु की चुनावी सभाओं में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर सोनिया गांधी को दोषी ठहराए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार से जानना चाहा कि उसके पास क्या सबूत हैं। उनका यह भी आरोप था कि चूंकि मामले की जांच कर रही सीबीआई जैसी संस्था खुद प्रधानमंत्री के अधीन है इसलिए यह बयान जांच को सीधे सीधे प्रभावित करने की कोशिश है। जब प्रधानमंत्री ही फैसला सुना रहे हैं तो जांच के निष्पक्ष होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे को लेकर इतना हंगामा किया कि सभापति पीजे कुरियन को सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ी।
प्रघानमंत्री के बयान को लेकर कांग्रेस काफी आक्रामक दिखी। सदन में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद ने कहा कि जब रक्षामंत्री ने राज्यसभा में इस मामले पर हुई बहस का जवाब देते हुए किसी का नाम नहीं लिया तो फिर प्रधानमंत्री कैसे सोनिया गांधी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनके पास क्या सबूत है कि यूपीए की अध्यक्ष इस भ्रष्टाचार में दोषी हैं।
कांग्रेस के ही आनंद शर्मा ने कहा कि हम तो खुद सरकार से कह रहे हैं कि वह मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी कर दोषियों के नाम सामने लाए और दोषी कोई भी हो उसे सजा दे लेकिन सरकार यह करना ही नहीं चाहती।
कांग्रेस के हंगामे पर सभापति कुरियन ने कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। यह बात सदन से बाहर कही गई है इसलिए कांग्रेस भी सदन के बाहर उसका जवाब दे। उन्होंने बार बार सदस्यों से शांत रहने की अपील की लेकिन उनकी बात हंगामे में डूबकर रह गई। कांग्रेस सदस्य आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।