Operation Sindoor : नई दिल्ली। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान पर किए गए सटीक ड्रोन हमलों ने ‘मेक इन इंडिया’ का झंडा भी बुलंद किया है। इन हमलों का असर सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी दिखा है। क्योंकि इस ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाने वाला स्काय स्ट्राइकर कामिकाज़े ड्रोन न केवल दुश्मन के ठिकानों पर कहर बनकर टूटा, बल्कि उसने शेयर बाजारों में भी हलचल मचा दी। यह ड्रोन इजरायल की एलबिट सिस्टम्स की तकनीक पर आधारित है, लेकिन इसे भारत में अडाणी ग्रुप की अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीस ने तैयार किया है।
इजरायली कंपनी के शेयरों में उछाल
भारत पाक तनाव में सीमा पर प्रभावी प्रदर्शन के बाद इजरायली फर्म एलबिट सिस्टम्स के शेयर 6 मई को जहां 400 डॉलर पर थे, वहीं 8 मई तक 4.7 प्रतिशत उछलकर 418.97 डॉलर तक पहुंच गए। यह उछाल भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के अंदर किए गए सफल और बेहद सटीक ड्रोन हमलों के बाद दर्ज किया गया।
‘साइलेंट स्ट्राइक’ से दुश्मन को भनक तक नहीं
स्काय स्ट्राइकर ड्रोन की खास बात इसका बेहद शांत इलेक्ट्रिक इंजन है, जिससे यह दुश्मन के इलाके में बिना आवाज किए पहुंच जाता है। इसमें अंतिम समय पर मिशन रद्द करने की क्षमता भी है, जिससे अनावश्यक क्षति से बचा जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत इन ड्रोन ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों और एयर डिफेंस यूनिट्स को निशाना बनाया और वह भी बिना किसी भारतीय सैनिक को नुकसान पहुंचाए।
चीन के एचक्यू9 सिस्टम बने निशाना
भारत ने इस ऑपरेशन में लाहौर और मुल्तान में चीन निर्मित एचक्यू9एयर डिफेंस सिस्टम को भी नष्ट किया। हमले में मिली सफलता के बाद भारतीय शेयर बाजार में घरेलू रक्षा और ड्रोन कंपनियों में तेजी देखी गई।आइडिया फोर्ज टेक्नोलॉजी के शेयर 12 प्रतिशत चढ़कर 432.65 रुपये तक पहुंचे। द्रोणाचार्य एरियाल इनोवेशंस और जेन टेक्नोलॉजीस में 5 प्रतिशत की तेजी दिखाइ दी जबकि पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीस में करीब 4 प्रतिशत की बढ़त हुई।
‘मेक इन इंडिया’ की बड़ी उड़ान
स्काय स्ट्राइकर की मूल तकनीक भले ही इजरायल में विकसित हुई हो, लेकिन इसे भारत में बनाकर अडाणी ग्रुप ने इसे आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बना दिया है। 2021 में इसके 100 से अधिक यूनिट्स का ऑर्डर मिला था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में इसका पहला वास्तविक युद्ध उपयोग हुआ और पहले ही मौके पर इसने खुद को फ्रंटलाइन पर एक प्रभावशाली हथियार साबित कर दिया।
‘मेड इन इंडिया’ ड्रोन स्काय स्ट्राइकर ने अपनी पहली ही बड़ी जंग में न केवल दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए, बल्कि यह साबित कर दिया कि भारतीय रक्षा उत्पादन अब केवल तैयारी नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की ताकत बन चुका है।