Pahalgam Attack : नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें नए खुलासे हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस घटना में भारत में आतंकी मामलों से जुड़े एक पुराने चेहरे का नाम सामने आया है वह है– मुश्ताक अहमद जरगर। जरगर 1999 के कंधार हाईजैक कांड में शामिल था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सूत्रों के मुताबिक, प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-उमर मुजाहिदीन के सरगना मुश्ताक जरगर ने इस हमले में सीधे भागीदारी तो नहीं की, लेकिन उसके समर्थकों ने इस हमले को अंजाम देने में मदद की। बताया जा रहा है कि जरगर इस समय पाकिस्तान में रह रहा है, लेकिन श्रीनगर में अब भी उसका नेटवर्क सक्रिय है।
क्या था कंधार हाईजैक मामला?
24 दिसंबर 1999 को भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था। यह विमान काठमांडू से दिल्ली आ रहा था और इसमें 176 यात्री सवार थे। आतंकियों ने विमान को अफगानिस्तान के कंधार में ले जाकर खड़ा कर दिया था। कंधार उस समय तालिबान के नियंत्रण में था।
यात्रियों को छुड़ाने के बदले भारत सरकार को तीन बड़े आतंकियों को रिहा करना पड़ा था ये थे – मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख, और मुश्ताक अहमद जरगर। जरगर को घाटी में कई हत्याओं और अपहरण के मामलों का आरोपी माना जाता है। रिहाई के बाद से वह पाकिस्तान में है और वहीं से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिशें रचता रहा है।
पहलगाम हमले में जरगर का संबंध
NIA के अनुसार, पहलगाम हमले में जरगर के समर्थकों ने ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) को मदद दी, जो हमले की योजना और क्रियान्वयन में शामिल थे। ये ओवरग्राउंड वर्कर आतंकी संगठनों के लिए स्थानीय स्तर पर काम करने वाले लोग होते हैं जो हथियार पहुंचाने, जानकारी इकट्ठा करने या छिपने के ठिकाने देने में मदद करते हैं।
जरगर की संपत्ति जब्त, छापेमारी तेज
2023 में भारत सरकार ने जरगर की श्रीनगर स्थित पैतृक संपत्ति को जब्त किया था। अब पहलगाम हमले के बाद NIA ने कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की है। श्रीनगर में 21 ठिकानों की तलाशी ली गई, जिसमें जरगर का पैतृक घर भी शामिल था। NIA ने कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें पूर्व आतंकियों, ओवरग्राउंड वर्करों और UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत आरोपित लोग शामिल हैं।
सरकार की सख्त कार्रवाई जारी
इस घटना ने यह भी साफ कर दिया है कि पुराने आतंकियों के नेटवर्क अब भी भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि इसके तार उन जख्मों से जुड़े हैं जो 1999 के कंधार कांड के समय भारत ने झेले थे। जरगर जैसे पुराने आतंकी चेहरे अब भी सीमा पार से भारत की शांति में खलल डालने की कोशिश में लगे हैं।
पहलगाम आतंकी हमले में गई मासूमों की जान
बता दें कि, अप्रैल महीने में जम्मू – कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया था। 26 लोगों की हत्या की गई थी। यह भी सामने आया है कि, लोगों से उनका धर्म पूछा गया और फिर उन्हें गोलियों से भून दिया गया। मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथों में ली है। हमले में शामिल आतंकियों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आने के बाद जांच और तेज कर दी गई है।