भोपाल, सितम्बर/ जनदबाव के आगे झुकते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में निर्माण से जुड़ा एक और फैसला बदल दिया है। भोपाल नगर निगम ने ग्रीन ट्रिब्यूनल की फटकार के बाद शहर में बसे स्लॉटर हाउस को उसके वर्तमान स्थान से हटाकर शहर के बीचोंबीच ही दूसरी जगह बनाने का फैसला किया था। इस फैसले को लेकर शहर के नागरिक कई दिनों से विरोध कर रहे थे। आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंगलवार का ऐलान किया कि न केवल भोपाल बल्कि भविष्य में किसी भी शहर की नगरीय सीमा में स्लॉटर हाउस नहीं बनेगा। शिवराज इससे पहले भोपाल के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और विधायकों के लिए आवास बनाने संबंधी फैसलों को भी जनदबाव के कारण रद्द कर चुके हैं।
मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई बैठक में शिवराज ने एक और अहम फैसला लेते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश की आँगनवाड़ियों में पोषण आहार प्रदाय करने की व्यवस्था का विकेन्द्रीकरण कर ठेकेदारी व्यवस्था को समाप्त किया जाये। इस मामले में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई थीं और पिछले दिनों आयकर विभाग ने पोषण आहार से जुड़ी कंपनियों और अफसरों के यहां बड़े पैमाने पर छापे भी डाले थे।
बैठक में कहा गया कि खसरा और खतौनी की नकलें साल में एक बार मुफ्त सभी किसानों को दी जाये। सभी मंत्री अपने-अपने विभाग की हर सप्ताह सोमवार को समीक्षा करें। अनुकम्पा नियुक्ति के जिन प्रकरणों में विभागों में पद खाली नहीं है उनमें पात्रों को संविदा नियुक्ति दी जाये तथा जब पद खाली हो तब उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति दी जाये। अधिक वर्षा से खराब हुई सड़कों की मरम्मत की कार्ययोजना बना कर उस पर जल्द काम शुरू किया जाए।