OIC Shocks India : मध्यमत। विशेष जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की घटना के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर बढ रहे दबाव के बाद इस्लामिक देश पकिस्तान के पक्ष में एक हो गए हैं। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने न्यूयॉर्क स्थित अपने कार्यालय से एक बयान जारी किया है जिसमें हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने के भारत के आरोप को नकारते हुए इसे “बेबुनियाद और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया गया है। इस बयान ने भारत और OIC के बीच कूटनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भारत ने OIC बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि एक पाकिस्तान प्रेरित एजेंडे के तहत दिया गया है।
OIC का बयान: मुख्य बातें
चिंता की अभिव्यक्ति: OIC ने कश्मीर में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जताई और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ध्यान देने की अपील की।
भारत की आलोचना: OIC ने भारत पर कश्मीर में मुसलमानों को निशाना बनाने और हालात को और बिगाड़ने का आरोप लगाया।
भारत के आरोपों को नकारा: OIC ने भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए हमले के आरोपों को “बेबुनियाद और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया।
जांच की मांग: संगठन ने इस हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की और भारत से कश्मीर में दमनात्मक कार्रवाई न करने की अपील की।
भारत की तीखी प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने OIC के बयान को कड़ा जवाब दिया। भारत के बयान के प्रमुख बिंदु:
बयान को बताया “गुमराह करने वाला और आधारहीन”: भारत ने OIC के बयान को गलत तथ्यों पर आधारित, गैर-जिम्मेदाराना और पाकिस्तान के राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित बताया।
पाकिस्तान के प्रभाव की आलोचना: MEA ने कहा कि पाकिस्तान OIC का दुरुपयोग कर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करवा रहा है।
संप्रभुता की याद दिलाई: भारत ने फिर दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और विदेशी संगठनों को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
आतंकवाद की निंदा: भारत ने सीमा पार से हो रहे आतंकवाद की निंदा की और अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
OIC के बयान का भू-राजनीतिक असर
भारत-OIC संबंधों में तनाव
57 मुस्लिम देशों का समूह होने के कारण OIC का बयान प्रतीकात्मक रूप से अहम होता है। ऐसे बयानों से भारत के सऊदी अरब, UAE और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ संबंधों पर असर पड़ सकता है, भले ही इन देशों ने व्यक्तिगत रूप से OIC के बयान का समर्थन न किया हो।
पाकिस्तान के नैरेटिव को बल
OIC के माध्यम से पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने में मदद मिलती है। यह भारत की उस रणनीति को नुकसान पहुंचाता है जिसमें वह पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर अलग-थलग करने की कोशिश करता है।
भारत की वैश्विक छवि पर असर
भारत जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, G20 और इंडो-पैसिफिक जैसे मंचों पर बड़ी भूमिका निभाना चाहता है, तब इस तरह के विवाद उसकी कूटनीतिक कोशिशों में बाधा बन सकते हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच वर्तमान हालात
भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के साथ राजनयिक संपर्क सीमित कर दिए हैं, कुछ व्यापारिक गतिविधियाँ रोक दी गई हैं और वीजा नियंत्रण सख्त कर दिए हैं।
3 मई को पाकिस्तान ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
नियंत्रण रेखा (LoC) पर तनाव बढ़ गया है और सेना की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।
पाकिस्तानी मीडिया और राजनीति में परमाणु युद्ध जैसी बातें भी सामने आने लगी हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है।
भारत के लिए संतुलन की चुनौती
OIC का बयान भले ही अंतरराष्ट्रीय नीति पर सीधा असर न डाले, लेकिन इसका राजनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व बड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि- यह दिखाता है कि मुस्लिम देशों में भारत की छवि को लेकर धारणा कैसे बन सकती है।
भारत को सतर्क रहकर गलत जानकारियों का कूटनीतिक तरीके से जवाब देना होगा और आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को दोहराना होगा। भारत को आक्रामकता और संयम के बीच संतुलन बनाते हुए इस संकट से अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होगी।