वाराणसी, मई 2016/ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को घेरने का नया पैंतरा चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सवाल उठाया कि मोदीजी प्रधानमंत्री भाजपा शासित राज्यों में शराब पर पाबंदी लागू क्यों नहीं कराते। गुरुवार को रैली के जरिए ‘मिशन यूपी’ की शुरुआत करते हुए नीतीश ने मंच से शराबबंदी का मुद्दा उठाया। भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम संघ मुक्त भारत और शराब मुक्त समाज चाहते हैं। प्रधानमंत्री बताएं कि भाजपा शासति राज्यों में वे शराबबंदी क्यों नहीं करते।
बिहार में शराबबंदी के बाद के प्रभावों का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि शराब बंदी का यह असर हुआ है कि अब तो पीने वाले भी खुश है। उन्होंने कहा कि यदि शराब बंदी को लेकर देश के अन्य राज्यों में कोई अभियान चलाया जाता है तो वे उसमें शामिल होंगे। बिहार में शराबबंदी सफल रही है। अब समय आ गया है कि दूसरे राज्य भी शराबबंदी को अमल में लाएं। नीतीश ने कहा कि 15 मई को मैं शराबबंदी के समर्थन में लखनऊ जा रहा हूं। हम अब उत्तर प्रदेश में भी अपने विस्तार की योजना बना रहे हैं। भाजपा को शराबबंदी के बारे में अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए। शराबबंदी की मांग पूरे देश में फैल रही है।
अन्य मुद्दों की चर्चा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान देश की जनता से वादा किया था कि वह 100 दिनों के अंदर कालाधन वापस ले आएगी। देश में हर व्यक्ति को पंद्रह लाख रुपए मिलेंगे। लेकिन आज तक इस वादे को पूरा नहीं किया गया। बिहार चुनाव से पहले हमने जदयू, राजद और कांग्रेस को मिलाकर महागठबंधन बनाया। भाजपा के नेताओं ने राजद व कांग्रेस के जदयू के साथ आने पर हमारा मजाक उड़ाया था। नतीजा आज सबके सामने है, बिहार में महागठबंधन की सरकार है। केन्द्र की मोदी सरकार ने जनता को ठगने और वादा खिलाफी का काम किया है। चुनाव से पहले कई वादे किए गए थे, कई सपने दिखाए थे, दो साल हो गए लोग वहीं के वहीं हैं।
नीतीश ने संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों ने आजादी की लड़ाई में भूमिका नहीं निभाई है और आज देशभक्ति की बात करते हैं। आप तिरंगे की पूछ परख करने लगे उसका नाम लेने लगे, हमारे लिए यह खुशी की बात है, क्योंकि आप तिरंगे के हिमायती तो थे नहीं, आप तो भगवा ध्वज के हिमायती हैं।