शुभरात्रि कविता

अगर तुम्हें नींद नहीं आ रही
तो मत करो कुछ ऐसा
कि जो किसी तरह सोए हैं
उनकी नींद हराम हो जाए

अगर नींद नहीं आ रही हो तो
हँसो थोड़ा, झाँको शब्दों के भीतर
ख़ून की जाँच करो अपने
कहीं ठंडा तो नहीं हुआ
– चंद्रकांत देवताले 

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