रचना संसार शुभरात्रि कविता By मध्यमत - 0 78 FacebookTwitterPinterestWhatsApp अगर तुम्हें नींद नहीं आ रही तो मत करो कुछ ऐसा कि जो किसी तरह सोए हैं उनकी नींद हराम हो जाए अगर नींद नहीं आ रही हो तो हँसो थोड़ा, झाँको शब्दों के भीतर ख़ून की जाँच करो अपने कहीं ठंडा तो नहीं हुआ – चंद्रकांत देवताले