ख़्वाबों को
सज़ा दी जाती है,
बस नींद
उड़ा दी जाती है….

आँखों में
सवालों का तांता,
आवाज़
दबा दी जाती है….

चाँद को
पाना नामुमकिन,
परछाईं
दिखा दी जाती है….

सच झूठ की
जंग छिड़े जब-जब,
दीवार
गिरा दी जाती है….

ख़्वाबो में
सँवरने की कोशिश,
ज़िन्दा
चुनवा दी जाती है….

ग़म के झूले में
दिल की ख़ुशी,
सहला के
सुला दी जाती है….

(विवेक जैन की सोशल मीडिया पोस्‍ट से साभार)

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