17वीं लोकसभा के लिए हो रहे मुद्दाविहीन चुनाव में सत्तारूढ़ दल बहुत आक्रामक होकर चुनाव प्रचार में उतर गया है। वह हर वो हथकंडा अपना रहा है जिसमें चुनाव में जरा सी भी बढ़त मिलने की संभावना हो। वैसे तो यह चुनाव दो शब्दों पर आकर टिक गया है ‘चोर’ और ‘चौकीदार’, लेकिन भाजपा और कांग्रेस इन दो शब्दों को लेकर एक दूसरे पर हमलावर होने के साथ ही दूसरे मुद्दों को भी अकेला नहीं छोड़ रहे हैं।
ऐसे ही मुद्दों में भाजपा का प्रिय मुद्दा हिन्दू और हिन्दुत्व भी शामिल है। आपको याद होगा पिछले साल के अंत में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हिन्दुत्व का काफी जोर था। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बहुत आक्रामकता से घेरा था और राहुल गांधी ने भी मंदिर मंदिर जाकर माथा टेकते हुए यह जताने की कोशिश की थी कि वे भी उतने ही हिंदू हैं जितने भाजपा के नेता।
उस समय भाजपा के वाचाल प्रवक्ता संबित पात्रा टीवी की लगभग हर बहस में यह सवाल जरूर पूछते थे कि राहुल गांधी अपना गोत्र बताएं। उज्जैन के महाकाल मंदिर में राहुल द्वारा की गई पूजा के एक वीडियो का हवाला देते हुए पात्रा तंज किया करते थे कि पंडित ने जब राहुल से गोत्र पूछा तो उनके पास बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके कान में कहा ‘वेटिकन’…
ये तो राहुल गांधी ने बीच में हमलावर अंदाज में रॉफेल सौदे का मुद्दा उठा दिया वरना भाजपा की पूरी तैयारी थी कि इस बार भी येन केन राम मंदिर को चुनाव के केंद्र में ले आया जाए। साधु संतों की जमात से लेकर भाजपा की केसरिया मंडली इसकी पूरी तैयारी भी कर चुकी थी लेकिन राहुल के ‘चौकीदार चोर है’ नारे ने सारी प्लानिंग बिगाड़ दी।
लोकसभा चुनाव का प्रचार जोर शोर से शुरू हो जाने के बाद अब वार और पलटवार के केंद्र में भले ही ‘चौकीदार चोर’ और ‘मैं भी चौकीदार’ जैसे नारे पसरे हुए दिखते हों लेकिन भाजपा ने हिन्दुत्व का अपना साइड प्लान छोड़ा नहीं है। रविवार को ही बिजनौर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हिंदू को आतंकवादी कहने वाले राहुल गांधी (देश से) माफी मांगें।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में हाल ही में असीमानंद को बरी किए जाने का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस, सोनिया, मनमोहन की सरकार ने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को ‘हिंदू टेरर’ का नमूना बताया था। साधु-संतों पर, निर्दोष लोगों पर केस कर दिया गया। अब जजमेंट आया कि उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि आपने पूरी दुनिया में हिंदू समुदाय को बदनाम क्यों किया? “
शाह ने कहा, ” हिंदू कभी आतंकवादी हो सकता है क्या? हम तो चींटियों को भी आटा खिलाने वाले लोग हैं, किसी को कैसे मारेंगे? राहुल गांधी ने वोट बैंक की पॉलिटिक्स के लिए हिंदुओं को बदनाम करने का काम किया है। आप ने लश्कर को क्लीन चिट दी। आपने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। चिदंबरम, शिंदे और राहुल ने अमेरिकी राजदूत के सामने कहा था कि लश्कर समस्या नहीं है, समस्या तो हिंदू टेरर करने वाले लोग हैं।‘’
इतना ही नहीं प्रियंका गांधी की अयोध्या यात्रा ने भी भाजपा को हिन्दुत्व का मसाला दे दिया है। प्रियंका शुक्रवार को अयोध्या पहुंची थीं। उन्होंने वहां हनुमान गढ़ी के दर्शन तो किए लेकिन वे ‘रामलला’ के दर्शन के लिए नहीं गईं। भाजपा ने अब इसी पर सवाल उठा दिए हैं। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गौतमबुद्ध नगर की जनसभा आरोप लगाया कि प्रियंका हिंदू समुदाय के लोगों का अपमान कर रही हैं। जब वे अयोध्या गईं तो रामलला के दरबार में क्यों नहीं गई? ऐसा उन्होंने एक समुदाय विशेष के वोट की वजह से किया।
अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती दे रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को बदायूं की एक सभा में कहा था- ‘’देखिए इन लोगों की राजनीति! अयोध्या गए, पर रामलला के समक्ष सिर नहीं झुकाया, क्योंकि इससे उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा। जो लोग वोट बैंक नाराज होने के खौफ से रामलला को नमन करने की हिम्मत नहीं कर सकते, वो रामभक्तों का मत भी नहीं ले पाएंगे।‘’
इतना ही नहीं रविवार को जब कांग्रेस ने यह ऐलान किया कि राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ेंगे तो उस पर केंद्रीय मंत्री और पटना से भाजपा के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद की टिप्पणी भी हिन्दू मुस्लिम लाइन पर ही थी। प्रसाद ने कहा- ‘’हार के डर से राहुल मुस्लिम आबादी की अधिक संख्या वाली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वे चुनावी हिंदू हैं और चुनाव के समय ही जनेऊ पहनते हैं।‘’
दरअसल 2011 की जनगणना के अनुसार वायनाड जिले की कुल आबादी 8,17,420 है। इसमें से 404,460 यानी 49.48 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की है। उनके अलावा मुस्लिम आबादी 2,34,185 यानी 28.65 प्रतिशत और ईसाई आबादी 1,74,453 यानी 21.34 प्रतिशत है। इस हिसाब से देखा जाए तो वायनाड की आबादी में मुस्लिम और ईसाई आबादी की संयुक्त हिस्सेदारी 49.99 प्रतिशत है। यानी ये दोनों मिलाकर हिन्दू आबादी से अधिक हैं।
इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि भाजपा मतदान की तारीखें नजदीक आते-आते एक बार फिर हिन्दुत्व के अपने परंपरागत नारे की तरफ बढ़ रही है। अपने ‘चौकीदार’ कैंपेन की जबरदस्त मार्केटिंग के बावजूद भाजपा यह अच्छी तरह जानती है कि जितना वोट रामजी दिला सकते हैं उतने वोट दिलाने का बूता चौकीदार की टीशर्ट और कैप में नहीं है।