भोपाल/नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान राज्य की 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए दो लाख एक हजार 862 करोड़ रुपये की मंजूरी लाए हैं। इस योजना की अवधि 2012 से 2017 तक है। राज्य की 2012-13 की वार्षिक योजना के लिए भी 28 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। अगली पंचवर्षीय योजना में एक लाख 30 हजार करोड़ का और वार्षिक योजना में पांच हजार करोड़ का भारी इजाफा हुआ है। इस बढ़ोतरी का श्रेय मध्यप्रदेश में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और विकास दर में वृदि्ध को जाता है। योजना आयोग ने बेहतर प्रबंधन केलिए राज्य की सराहना की है।
दोनों योजनाओं को लेकर 11 मई को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री की योजना आयोग केउपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह आहलूवालिया से बात हुई। प्रदेश की पिछली पंचवर्षीय योजना (2007-12) की राशि  70 हजार 329 रुपये की थी, जबकि वर्ष 2011-12 की वार्षिक योजना राशि 23 हजार करोड़ रुपये थी। यह वृद्धि 21.5 प्रतिशत है। चालू वर्ष की योजना राशि में अतिरिक्त  केन्द्रीय सहायता के  रूप में मंजूर किए गए 4 हजार 917 करोड़ रुपये शामिल है। बैठक में मध्यप्रदेश योजना आयोग के  उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन, मुख्य सचिव आर. परशुराम तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंे 10.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो देश की औसत वृद्धि से अधिक है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 12 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य तय किया गया है। पिछली और अगली पंचवर्षीय योजनाओं में विभिन्न् क्षेत्रों की वृदि्ध दर और लक्ष्य इस प्रकार है।
  11वीं योजना  12 वीं योजना
कृषि    7.10  9.00
उद्योग    10.00   12.00
सेवा क्षेत्र 11.70   13.75
(आंकड़े प्रतिशत में)
12 वीं पंचवर्षीय योजना में कृषि उद्योग अधोसंरचना तथा सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को विशेष प्राथमिकता दी गयी है। कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में 11वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य आयोजना का 4.85 प्रतिशत निवेश किया गया जिसे 12वीं योजना में बढ़ाकर 8.40 प्रतिशत प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार सामाजिक क्षेत्र में निवेश 28.13 से बढ़ाकर 39.54 प्रतिशत प्रस्तावित है।
राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियों में सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2012-13 में यह 20.79 प्रतिशत अनुमानित है जबकि वर्ष 2005-06 में यह 16.55 प्रतिशत ही था।  ब्याज भुगतान में भी लगातार कमी हो रही है। वर्ष 2005-06 में यह 16.16 प्रतिशत था जो घटकर अब 8.98 प्रतिशत रह गया है। 
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश जैसे राज्यों को अपनी समस्याओं/आवश्यकताओं के अनुरूप योजना क्रियान्वित करने की छूट दी जाए। राज्य के विन्ध्य एवं अन्य आदिवासी पिछड़े क्षेत्रों के लिए बुंदलेखंड पैकेज जैसी व्यवस्था की जाए। 11वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश में 72 हजार किलोमीटर सड़कें  बनाई गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्गो की स्थिति खराब है, इनकी मरम्मत एवं रखरखाव के अधिकार केन्द्र के पास हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनीं सड़कों की मरम्मत आदि के लिए भी केन्द्र धनराशि दे। 
प्रदेश में वर्ष 2013 में 24 घंटे बिजली सप्लाई के लिए फीडर सेपरेशन का काम तेजी से हो रहा है। विद्युत पारेषण क्षति कम हुई है, इसे और कम किया जाएगा। 12वीं योजना में उत्पादन में 138 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य है। प्रदेश को 170 लाख मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है। हमें क्षमता केअनुसार आवंटन नहीं मिलता है। अभी ए और बी ग्रेड केकोयले की कीमतें बढ़ी हैं। जिन राज्यों में कोयला होता है वह उन्हीं राज्यों को दिया जाय।
प्रदेश में पिछले वर्ष के सिंचित क्षेत्र 11 लाख हेक्टेयर को बढ़ाकर इस साल 22 लाख हेक्टयर किया गया है। कई लघु सिंचाई योजनाएं पूरी की गई हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना को “जल योजना” घोषित किया करते हुए सिंचाई क्षेत्र बढ़ा कर और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं को प्राथमिकता दी जाय। बरगी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिले।   
प्रदेश मे मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत 37 शहरों केलिये 500 करोड़ रूपये की योजनाएं शुरू की गयी हैं। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल केलिए मध्यप्रदेश वॉटर कारपोरेशन का गठन किया जा रहा है।
प्रदेश में कृषि को लाभकारी बनाने के लिए कृषि केबिनेट बनायी गयी है। समर्थन मूल्य पर बड़े पैमाने पर खरीदी की जा रही है। केंद्र जूट कन्ट्रोल आर्डर को शिथिल करे। प्रदेश में उद्यानिकी के रकबे और उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।
राज्य में 77 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। अभी 80 हजार करोड़ रूपये के उद्योगों की स्थापना निर्माणाधीन हैं। तीन औद्योगिक कॉरीडोर बनाए जा रहे हैं। कौशल विकास केन्द्रों पर ध्यान दिया जा रहा है। केंद्र लघु कुटीर उद्योग क्लस्टर विकसित करने में सहयोग करें। श्री चौहान ने सामाजिक सुरक्षा एवं विकास, बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में किये गये गये कार्यो और उपलब्धियों की जानकारी भी दी।

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