भोपाल, जनवरी 2013/ मध्यप्रदेश में वर्ष 2012 अनेक प्रशासनिक उपलब्धियों से भरा रहा। प्रदेश में परिवहन विभाग में भी वर्ष 2012 से उल्लेखनीय कार्य हुए।

वर्ष 2012 में यात्री सुरक्षा को देखते हुए मोटर यान नियम में संशोधन कर 32अ2 से अधिक क्षमता के विभिन्न यात्री वाहनों में वाहन के बाँई ओर दो दरवाजे लगवाना अनिवार्य किया गया। इसी तरह वर्ष 2012 में ही ग्रामीण मार्गों पर संचालित यानों पर मोटर यान कर 20 रुपये सीट प्रतिमाह किया गया। पूर्व में यह कर 120 रुपये प्रति सीट प्रतिमाह था। ग्रामीण मार्गों पर अधिक से अधिक वाहन संचालित किये जाने के लिये परमिट के अधिकार जिला परिवहन अधिकारी को दिये गये।

प्रदेश में इसी अरसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिवहन आदेश के परिपालन में प्रदेश के समस्त वाहनों में उच्च सुरक्षा (पंजीयन पटि्टका) नम्बर प्लेट लगाने का कार्य आरंभ हो चुका है। इस प्लेट के लगने से वाहनों की चोरी, अवैधानिक कार्यों में वाहनों का दुरुपयोग, दुर्घटना की स्थिति में वाहनों की विस्तृत जानकारी ज्ञात हो सकेगी।

इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक चेक-पोस्ट का निर्माण

प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा राज्य सड़क विकास निगम से 24 इलेक्ट्रॉनिक तौल-काँटों का निर्माण पीपीपी मोड से करवाया जा रहा है। यह सम्पूर्ण कार्य-योजना लगभग 1150 करोड़ की है। इलेक्ट्रॉनिक तौल-काँटों में परिवहन विभाग के अलावा वन, खनिज, वाणिज्यिक कर एवं मण्डी के लागू करों की भी वसूली की जायेगी। साथ ही कर अपवंचन एवं ओव्हर-लोडिंग पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। इससे चेक-पोस्ट पर वाहनों का निर्बाध आवागमन हो सकेगा। अब तक 24 में से मुलताई, शाहपुरफाट और सेंधवा तौलकाँटे प्रारंभ हो चुके हैं। जुलाई 2012 तक अतिरिक्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं।

ई-सेवा का प्रारंभ

आम नागरिकों की सुविधा के लिये देशभर में सबसे पहले मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में एस.एम.एस. आधारित एवं इंटरनेट आधारित ई-सेवा प्रारंभ की गई। इस सेवा से आम जनता को एस.एम.एस. एवं इंटरनेट के माध्यम से किसी भी वाहन के पंजीयन, कर, परमिट लायसेंस आदि से संबंधित जानकारी निःशुल्क ली जा सकती है।

नवीन पुनःसंरचना

इसी वर्ष मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवहन विभाग की पुनःसंरचना को गंभीरता से लिया और 349 नये पद को सृजित करने और पूर्व से रिक्त पदों को भरने की अनुमति प्रदान की। सीमित संसाधनों, सीमित अमले और बिना अपने भवन के विभाग ने 31 मार्च, 2012 की स्थिति में 13 अरब 48 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है। चालू वित्तीय वर्ष के लिये राज्य शासन द्वारा परिवहन विभाग को 1500 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य के विरुद्ध नवम्बर, 2012 तक की उपलब्धियाँ 8 अरब 25 करोड़ 17 लाख रही है।

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