दलाई लामा ने क्‍यों तारीफ की शिवराज की

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तुरनाल (नेमावर) म.प्र./ मध्‍यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी को स्‍वच्‍छ और हमेशा लबालब बनाए रखने के उद्देश्‍य से चलाई जा रही नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा में 19 मार्च को धर्मगुरु दलाई लामा भी शामिल हुए। उन्‍होंने कहा कि आज विश्व को भौतिकता की नहीं प्रेम, करुणा एवं मैत्री की शिक्षा देना आवश्यक है। भौतिक ज्ञान नहीं अपितु भावनात्मक ज्ञान जरूरी है और समूचे विश्व को यह शिक्षा, यह ज्ञान केवल भारत ही दे सकता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा आयोजित कर पर्यावरण एवं नदी संरक्षण के क्षेत्र में अत्यंत सराहनीय कार्य किया है।

दलाई लामा देवास जिले के नेमावर के समीप तुरनाल ग्राम में नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी, स्थानीय विधायक, जन-प्रतिनिधि, विभिन्न धर्म एवं संप्रदायों के संत,  अधिकारीगण उपस्थित थे।

जाति, धर्म एवं रंगभेद दूर हो

दलाई लामा ने कहा कि विश्व में सुख, समृद्धि एवं शांति के लिए जाति, धर्म के भेद, रंगभेद अदि को दूर करना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम अपनी पारस्परिक एकता को समझें। हमें स्वार्थ की सोच को छोड़ना होगा और एक दूसरे के प्रति प्रेम और सद्भाव की भावना रखनी होगी।

मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय

धर्मगुरु ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, नदी संरक्षण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा के रूप में किए जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय है। मेरी मुख्यमंत्री से गंभीर विषयों पर चर्चा हुई है। मैं उनके विचारों से सहमत हूँ। हमें मानव मात्र की तरक्की एवं उन्नति के लिए लगातार प्रयास व कड़ी मेहनत करना होगी। केवल बोलने से यह सब संभव नहीं है।

पूर्वजों की धरोहर को बचाएं

दलाई लामा ने कहा कि वृक्ष, पानी, हवा आदि के रूप में हमारे पूर्वजों ने जो धरोहर हमें दी है उसे बचाना होगा। मैं स्वयं जल संरक्षण एवं पर्यावरण की स्वच्छता के लिए निरंतर प्रयास करता हूँ। पानी बचाने के लिए मैं कभी बाथ टब का इस्तेमाल नहीं करता, अपितु शॉवर से ही नहाता हूँ।

गांवों का विकास अत्यंत आवश्यक

भारत कृषि प्रधान देश है। यहाँ अधिकांश जनता गांवों में रहती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। जो सुविधाएँ शहरों को मिलती हैं वे गाँव में भी होना चाहिए। तकनीकी विकास आवश्यक है, परंतु इससे भी ज्यादा आवश्यक है हर व्यक्ति को भोजन, पानी, स्वच्छ हवा मिले। मुख्यमंत्री ने गाँव के विकास की बात कही है मैं उनकी सराहना करता हूँ। गाँव में भी शिक्षा के लिए संस्‍थानों के साथ ही मनोरंजन के लिए सिनेमा अदि भी होने चाहिए। वहाँ अच्छे अस्पताल भी हों। दुनिया को बेहतर बनाने के लिए महिलाओं की उन्नति पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।

अहिंसा पर विशेष जोर दिया

अहिंसा पर जोर देते हुए दलाई लामा ने कहा कि इसी से विश्व में सदभावना, प्रेम एवं शांति स्थापित होगी। भारत एकमात्र ऐसा राष्ट्र है जहाँ विभिन्न धर्मों के अनुयायी एक साथ, आपसी प्रेम सद्भावना एवं भाईचारे के साथ रहते हैं। भारत ही भौतिक प्रगति के साथ अंतर्ज्ञान को जोड़ सकता है।

स्पर्श से शांति एवं नई ऊर्जा मिली

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धर्मगुरु दलाई लामा विश्व के महान आध्यात्मिक विभूति हैं। उनके स्पर्श से आज मैंने आत्मिक शांति एवं नई ऊर्जा महसूस की है।

नदी संरक्षण के क्षेत्र में नर्मदा सेवा यात्रा दुनिया की अद्भुत यात्रा बन गई है। इसमें जनता का उत्साह देखने लायक है। नर्मदा हमारी जीवन रेखा है, नर्मदा नहीं तो प्रदेश नहीं, प्रदेश नहीं तो हम नहीं। हमारी योजना है कि नर्मदा तट के दोनों ओर 1 किलोमीटर की दूरी तक फलदार पेड़ लगाए जाएं। 2 जुलाई को एक दिन में करोडो पेड़ नर्मदा के तट पर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि नर्मदा नदी में एक भी बूँद गंदा पानी नहीं मिलने दिया जाएगा। गंदे पानी को पाइप लाइन द्वारा दूसरी तरफ ले जाकर स्वच्छ किया जाएगा। यह पानी किसानों के खेतों में डाला जाएगा। पूजन की ऐसी पद्धति बनाई जाए जिससे कि नदी में गंदगी न हो। पूजन सामग्री पूजन कुण्ड में ही डाली जाए।

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