कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कमान संभालते ही बी.एस. येदियुरप्पा ने किसानों के 1 लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की है। पद की शपथ लेने के बाद जोश से भरे येदियुरप्पा सीधे विधानसभा पहुंचे और अधिकारियों की बैठक लेने के बाद पहला बड़ा फैसला लिया। इस फैसले को उनके समर्थकों ने प्रदेश के लिए पहला तोहफा बताया है ।
इससे पहले पद की शपथ लेने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए मैं लोगों को बधाई देता हूं। मुझे खेद है कि कांग्रेस और जेडीएस ने एक अपवित्र गठबंधन बनाया। मैं सभी 224 विधायकों का समर्थन चाहता हूं। मुझे यकीन है कि वे अपने विवेक के अनुसार मतदान करेंगे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए मैं इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता। पर मुझे विश्वास है कि मैं विश्वास मत हासिल करूंगा और पांच साल सरकार चलाऊंगा।
इससे पहले राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ किसी अन्य नेता ने फिलहाल मंत्री पद की शपथ नहीं ली है। उधर भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को रोकने के लिए कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) ने बुधवार रात सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर अलसुबह तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार करते हुए बीजेपी से राज्यपाल को दी गई चिट्ठी मांगी है, वहीं कांग्रेस-जेडीएस से विधायकों की लिस्ट लाने को कहा है।
ताजा घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भाजपा पर जमकर बरसे, और कहा कि बीजेपी लोकतंत्र के सभी संस्थानों की हत्या कर रही है। यह पार्टी किसानों व महिलाओं के खिलाफ है। शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने शपथ ली है लेकिन बहुमत साबित करना मुश्किल होगा। राज्यपाल को उन लोगों को बुलाना चाहिए था जिनके पास अधिकतम संख्या थी। जब ऐसा होता है तो लोग कहते हैं लोकतंत्र की हत्या हो गई, लेकिन जब देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं तो हत्या किसकी होगी।