रवि भोई
छत्तीसगढ़ में स्व. अजीत जोगी बड़ी शख्सियत थे और सतनामी समाज के वोट बैंक पर उनकी पकड़ से विरोधी घबराया करते थे। अब उनकी राजनीतिक विरासत को बचाने और आगे बढ़ाने का भार उनके बेटे अमित जोगी पर है। मरवाही उपचुनाव में मात खाने के बाद अमित घायल शेर की तरह कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ दहाड़ रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में करीब आठ फीसदी वोट हासिल करने वाली जोगी की पार्टी 2023 में कैसा परफॉर्मेंस करती है, उस पर अभी से चर्चा शुरू हो गई है। मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए अमित जोगी ने जिस तरह भाजपा से हाथ मिलाया, उससे लोगों को लगने लगा है कि अमित जोगी 2023 में कांग्रेस को हराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और भाजपा भी उनका भरपूर इस्तेमाल करेगी।
चर्चा होने लगी है कि अगले चुनाव में यहाँ भी बिहार का खेल रिपीट होने वाला है। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की मुखालफत करने के लिए अकेले 147 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी खड़े कर दिए। भले वे एक ही सीट जीत सके, लेकिन नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और कांग्रेस का खेल बिगाड़ गए। फायदे में भाजपा रही। चर्चा है कि 2023 के चुनाव में भाजपा छत्तीसगढ़ में भी अमित जोगी के जरिए कांग्रेस का खेल बिगाड़ने की रणनीति चल सकती है। कहते हैं अमित जोगी अपने दुश्मन कांग्रेस को निपटाने के लिए भाजपा का हथियार बनने से परहेज नहीं करेंगे। अब देखते हैं अमित जोगी अपने दुश्मन को पटखनी देने के लिए चिराग पासवान की राह पर चलते हैं या फिर कोई और रास्ता चुनते हैं।
जैन का आना और मंडल का जाना लगभग तय
चर्चा है कि आरपी मंडल को सेवावृद्धि नहीं मिलने वाली है और 1989 बैच के आईएएस अमिताभ जैन 28 नवंबर को नए मुख्य सचिव बन जाएंगे। कहा जा रहा है मंडल मुख्य सचिव भले न रहें भूपेश सरकार उन्हें अपने साथ जोड़े रखेगी। उन्हें नया रायपुर (अटल नगर) विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाए जाने की खबर है। नए मुख्य सचिव के साथ प्रशासन में हेरफेर तय माना जा रहा है। कहा जा रहा है प्रशासनिक फेरबदल में साऊथ लॉबी का दबदबा कायम रहेगा। अमिताभ जैन के मुख्य सचिव बनने पर वित्त और जल संसाधन विभाग की कमान किसे मिलती है, उस पर सबकी नजर है। वैसे सरकार ने शहला निगार के साथ अलरमेल मंगई डी. को वित्त सचिव के तौर पर पदस्थ कर रखा है।
भाजपा में चौंकाने वाले फैसले के संकेत
मोदी और शाह की जोड़ी के फैसले हमेशा चौंकाने वाले होते हैं। कब कौन बुलंदी को छूने लगे और कौन गर्दिश में आ जाए, लोगों को भनक भी नहीं लगती। कहते हैं 2023 के चुनाव में छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही कुछ चौंकाने वाले फैसले होने वाले हैं। भाजपा हाईकमान ने अनिल जैन की जगह विशाखापट्टनम की सांसद डॉ. दग्गुबती पुरंदेश्वरी को छत्तीसगढ़ का प्रभारी महासचिव बनाकर इसका संकेत दे दिया है। भाजपा में बड़े बदलाव की मांग लगातार उठ रही है। पुरंदेश्वरी को प्रभारी महासचिव बनाए जाने से बस्तर में भाजपा के लिए अनुकूल माहौल बनने की उम्मीद की जा रही है।
दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार और आंध्रप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. एन टी रामाराव की बेटी पुरंदेश्वरी लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं। डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में कई साल मंत्री रही डी. पुरंदेश्वरी ने 2014 में भाजपा में प्रवेश किया। कहा जा रहा है कि 2023 में सरकार बनाने के लिए भाजपा नए चेहरे पर दांव लगाएगी। पुराने, निष्क्रिय और विवादों में घिरे लोगों की छंटनी के आसार हैं। लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में पार्टी का यह प्रयोग सफल रहा और 11 में से 9 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही। चर्चा होने लगी है कि 15 साल मंत्री रहे कई भाजपा नेता 2023 के चुनाव में नहीं दिखेंगे। वैसे भाजपा अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पिछले दिनों तीन दिन की रणनीतिक बैठक भी हुई।
ईडी और आईटी का भूत
कहते हैं ईडी और आईटी के भूत ने राज्य के कुछ अफसरों की नींद हराम कर रखी है। चर्चा है ईडी याने प्रवर्तन निदेशालय और आईटी याने आयकर विभाग की टीम ने छत्तीसगढ़ में नए सिरे से फिर धावा बोल दिया है। कहा जा रहा है टीम ने एक रिटायर आईएएस की तिजोरी की जाँच की और दो चार्टर्ड एकाउंटेंट के यहाँ दस्तावेज भी खंगाले। ईडी और आईटी विभाग आने वाले दिनों में राज्य के कुछ अफसरों को घेर सकते हैं। वैसे भी एक बर्खास्त आईएएस को भ्रष्टाचार के मामले में दोबारा जेल भेजने से प्रशासनिक हलकों में खलबली मची है।
कांग्रेस नेताओं को दीवाली गिफ्ट जल्द
मरवाही में कांग्रेस की रिकार्ड जीत के बाद अब पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की किस्मत खुलने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि इस महीने कांग्रेस के कुछ नेता-कार्यकर्ताओं को दीवाली का गिफ्ट मिल जाएगा। निगम-मंडल और आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के बचे पद और कई समितियों में नेताओं और कार्यकर्ताओं को जल्द पद मिलने की खबर है। मरवाही उपचुनाव के कारण निगम-मंडलों में नियुक्ति की दूसरी सूची रोक दी गई थी।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब अपने विश्वस्त और करीबी लोगों को ही निगम-मंडलों में जगह देंगे। चर्चा है कि अर्जुन तिवारी, आरपी सिंह, अजय साहू, मलकीतसिंह गेंदू और कुछ अन्य लोग निगम-मंडलों में समायोजित हो सकते हैं। अभी बड़े निगमों में बीज विकास निगम, पर्यटन मंडल, बेवरेज कार्पोरेशन बचे हैं। यहाँ की कुर्सी के लिए कई दावेदार सामने आ रहे हैं। देखते हैं किस नेता की किस्मत चमकती है और कब तक?
एक एडीजी निशाने पर
कहा जा रहा है कि आईपीएस राहुल शर्मा के कथित आत्महत्या केस के रीओपन होने से एडीजी स्तर के एक आईपीएस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भूपेश सरकार एडीजी स्तर के इस आईपीएस से खफा चल रही है। सरकार ने ही इस आईपीएस को 2019 में बड़े जिम्मेदार पद पर बैठाया था, पर 2020 में लूप लाइन में पोस्ट कर दिया। उन्हें करीब पांच महीने से ऐसे जगह पदस्थ किया गया है, जहाँ एक रिटायर्ड आईजी लंबे समय तक इंचार्ज रहे। बहरहाल सरकार ने आठ साल बाद इस केस की जाँच के लिए आईपीएस संजय पिल्लै की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम बना दी है। केस की सीबीआई जाँच हो चुकी है, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिलने के कारण मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। आईपीएस राहुल शर्मा ने सुसाइडल नोट में ज्यूडिशरी के साथ अपने विभाग के अफसरों के बारे में कुछ बातें लिखी थी। देखते हैं जाँच टीम किस निष्कर्ष पर पहुँचती है। जाँच के आदेश से जरूर पुलिस मुख्यालय का माहौल गरमा गया है।
रानू साहू ने पर्यटन मंडल में फोड़ा बम
घिसटते हुए चल रहे छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में नई एमडी रानू साहू ने दीवाली के तीन दिन पहले ही महाप्रबंधक संजय सिंह को निलंबित कर बम फोड़ दिया। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से ही छुट्टी पर चल रहे संजय सिंह भाजपा राज में कांग्रेस के निशाने पर रहे। कहते हैं संजय सिंह से पर्यटन मंत्री और अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू नाराज चल रहे थे। इसलिए उन पर गाज गिरना स्वाभाविक था, लेकिन रानू साहू ने कार्यभार सँभालने के तीन-चार दिन के भीतर ही जिस तरह एक्शन लिया, उससे चर्चा हो रही है कि क्या इसी वजह से प्रमोटी आईएएस इफ़्फ़त आरा को आनन-फानन में हटाकर पर्यटन मंडल में सीधी भर्ती की आईएएस रानू साहू की पोस्टिंग की गई? यह सही भी है कि इफ़्फ़त आरा करीब 13 महीने में जो काम नहीं कर सकीं, रानू साहू ने तीन दिन में कर दिया। पर्यटन मंडल में संजय सिंह के निलंबन के बाद सुनील अवस्थी ही महाप्रबंधक रह जायेंगे, लेकिन वे भी अगले महीने रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में पर्यटन मंडल की नाव कौन लोग चलाएंगे और रानू साहू छत्तीसगढ़ में पर्यटन को चमकाने में कितना समय लगा पाएंगी, यह बड़ा सवाल है? रानू साहू के पास वाणिज्यिक कर आयुक्त का भी प्रभार है।
उद्योग संगठन से खफा मंत्री जी
कार्यक्रम के लिए न्यौता देने गए एक उद्योग संगठन से राज्य के एक मंत्री भारी खफा हो गए। मंत्री जी ने एक पदाधिकारी को खूब खरी-खोटी सुनाई। मंत्री जी का रौद्र रूप देखकर उद्योग संगठन के पदाधिकारी सकते में तो आ ही गए, मंत्री जी का स्टाफ और संगठन को मंत्री से मिलने का समय दिलवाने वाले भी भयभीत हो गए। मंत्री स्टाफ ने किसी तरह माहौल को संभाला। परिस्थिति को भांपकर उद्योग संगठन के पदाधिकारियों ने मंत्री जी से आगे बात किये बिना निकलने में ही भला समझा। चर्चा है कि मंत्री जी अब तक उनसे न मिलने को लेकर उद्योग संगठन के प्रतिनिधियों पर भड़के थे।
(लेखक छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार हैं।)