विश्‍नोई ने क्‍यों कहा- इस हाथ-दे, उस हाथ-ले…

अरुण पटेल

भाजपा में पनपी नई संस्कृति और नए तौर-तरीकों एवं उसकी रीति-नीति पर वरिष्ठ भाजपा विधाय, पूर्व मंत्री अजय विश्‍नोई का ट्वीट अपने आपमें कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह जाता है। जरूरत है उसे सही संदर्भ व अर्थों में समझने-बूझने और उस पर कुछ सीख लेते हुए अमल करने की। अजय विश्‍नोई ने ट्वीट में कहा है कि-

‘’इस हाथ-दे, उस हाथ-ले का शानदार उदाहरण प्रस्तुत हुआ है मध्यप्रदेश की वर्तमान राजनीति में। आज जब सरकार ना तो बनाना थी और ना गिराना। फिर यह क्यों किया गया। आप भाजपा को कहां ले जाना चाहते हैं, जनता को बतायें ना बतायें, भाजपा को यह बताना होगा या फिर हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ना होगा।‘’

हालांकि विश्‍नोई ने किसी घटना या व्‍यक्ति का उल्लेख नहीं किया है लेकिन उनका इशारा आनन-फानन में कांग्रेस से दलबदल कराकर भाजपा में शामिल कराये गये विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी से जुड़े घटनाक्रम की ओर ही है। लोधी को दोपहर में पार्टी में शामिल कराया गया और दिन ढलते-ढलते उन्हें राज्य नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दे दिया गया।

भाजपा को समर्थन दे रहे एक अन्य निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल, जो कमलनाथ सरकार में खनिज संसाधन विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे थे, उन्हें अब खनिज विकास निगम में उसी दर्जे के साथ अध्यक्ष बना दिया गया है। एक बार निर्दलीय विधायक को पद से नवाजने का औचित्य समझ में आता है, क्योंकि उन्होंने भाजपा का समर्थन सरकार गठित होते समय ही कर दिया था, लेकिन कांग्रेस से अब जिस प्रकार एक और विधायक को दलबदल कराकर एक और विधानसभा उपचुनाव की स्थिति पैदा की गयी है वह समझ से परे है और उसी पर इशारों ही इशारों में विश्‍नोई ने तंज कसा है।

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी ने प्रद्युम्न सिंह लोधी को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिलाकर उसके कुछ ही घंटों बाद कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ अध्यक्ष बनाने पर ट्वीट करते हुए आरोप लगाया है कि तत्काल मंत्री पद का दर्जा यह बता रहा है कि कैसे भाजपा प्रलोभन के दम पर विधायकों का सौदा कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। यह मतदाताओं के साथ सरासर धोखा है, ऐसी पार्टी और ऐसे बिकाऊ नेताओं को जनता सबक सिखायेगी।

मंत्रि-परिषद में विभागों के वितरण पर मुख्यमंत्री चौहान ने अपने साथियों को मिली नई जिम्मेदारी के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि हम सब संकल्प लें कि प्रदेश के उत्थान और जनकल्याण के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे और प्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को साथ मिलकर पूरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी साथी सेवा के पवित्र ध्येय को प्राप्त करने में जुट जायें और संकल्प लें कि नया मध्यप्रदेश बनाकर हम सब प्रधानमंत्री के सपनों के भारत का निर्माण करेंगे।

इस पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि परिवहन एवं राजस्व विभाग में सिंधिया जी की इतनी रुचि क्यों है, समझदार लोग समझते हैं। उन्होंने तंज किया कि आखिर 11 दिन के वर्कआउट के बाद लूट का बंटवारा हो गया। परिवहन, राजस्व, जल संसाधन आदि गये भगोड़ों को और आबकारी, शहरी गये भाजपा को… देखते हैं कि तीन माह की अंतरिम सरकार कितना अपना भला करती है और कितना जनता का। यह भी देखना है कि इस अंतरिम मंत्रिमंडल की कितनी बात अधिकारी मानते हैं।

वैसे तंज करने में कोई किसी से पीछे नहीं है, प्रदेश कांगेस में हो रही ताबड़तोड़ नियुक्तियों पर परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने तंज करते हुए कहा कि प्रदेश के कांग्रेस पदाधिकारियों को जानते भी नहीं होंगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष। कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि जानना तो क्या उनका नाम भी पता नहीं होगा प्रदेश अध्यक्ष को।

पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इस बात का बढ़चढ़ कर दावा करते हैं कि उनकी सरकार ने विभिन्न माफियाओं और मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान छेड़ा था उससे घबराकर भाजपा ने साजिश व षडयंत्र कर हमारी सरकार को गिराया है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेश में सूदखोर और चिटफंड माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को हिदायत दी है। विभागों के वितरण के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में कानून व्यवस्था के संबंध में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक और एडीजी इंटेलीजेंस एवं अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। शिवराज ने स्पष्ट निर्देश दिये कि हर जिले के कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक सूदखोर व चिटफंड कंपनियों को लेकर गंभीरता से सख्त कार्रवाई करें।

चलते चलते…!
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर व्यंग्य कसा है कि कांग्रेस का सूरज देश में अस्त हो गया है, लोग कांग्रेस पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं, मध्यप्रदेश व राजस्थान में नेता नाराज हैं तथा कांग्रेस आतंकवादियों की भाषा बोलती है। इसलिए कांग्रेस अब इतिहास हो जाएगी। अजय विश्‍नोई के ट्वीट पर उनका कहना था कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं उनसे बात की जायेगी। उन्हें जो विभाग मिले हैं उसके लिए उन्होंने पार्टी को धन्यवाद दिया है।

नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विभाग वितरण में हुई देरी के संबंध में कहा है कि देरी अवश्य हुई परन्तु मुख्यमंत्री ने हर पहलू पर विचार कर विभाग दिए हैं। सिंधिया समर्थकों को मलाईदार विभाग दिए जाने पर भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सिंधियाजी हमारी पार्टी के हैं और उनके साथ आये साथी भी अब हमारी पार्टी के हैं। मलाईदार विभाग कुछ नहीं होता सभी को उनकी योग्यता के हिसाब से विभाग मिले हैं।

(लेखक सुबह सवेरे के प्रबंध संपादक हैं)

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