नई दिल्ली, मई 2016/ लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी को ‘शहजादे’ कहकर तंज कसा था। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री को ‘शहंशाह’ का ताना देते हुए दो साल पुराना हिसाब चुकता कर दिया है।
दरअसल सोनिया और मोदी ब्रिगेड की ताजा लड़ाई सोनिया के दामाद राबर्ट वाड्रा की एक प्रापर्टी को लेकर है। इस प्रापर्टी के बारे में जब सोनिया से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मोदी कोई शहंशाह नहीं हैं। उनकी सरकार को यदि कुछ गलत लगता है तो वे जैसी चाहे जांच करा लें, सारा मामला साफ हो जाएगा।
जैसे ही मोदी के लिए शहंशाह शब्द का इस्तेमाल हुआ, भाजपा के प्रवक्ता मैदान में कूद पड़े। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सोनियाजी शायद अपने दामाद पर लगे आरोपों से विचलित हैं। मुझे लगता है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय साम्राज्य, उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मुसीबत बन रहा है। वे ‘शहंशाह’ की बात कर रहे हैं, वे तो उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम, चारों तरफ पूरे आलम के ‘आलमपनाह’ थे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि क्या सोनिया गांधी नहीं जानती कि वंशवाद का मतलब क्या है और ‘शहंशाह’ का मतलब क्या है? भारतीय राजनीति में अगर किसी ने ‘शहंशाह’ की तरह काम किया है तो वह गांधी परिवार है।
उल्लेखनीय है कि वाड्रा की जिस कथित बेनामी प्रापर्टी का जिक्र किया जा रहा है, वह 19 करोड़ रुपए की एक कोठी थी। वाड्रा के लिए इस कोठी की खरीद हथियारों के एक सौदागर संजय भंडारी ने 2009 में की थी। इस प्रापर्टी को 2010 में बेच दिया गया। इसका पता 12, एल्लरटन हाउस, ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन बताया गया है। भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने इस संपत्ति को लेकर प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग से जांच करने की मांग की है। हालांकि वाड्रा के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल का इस प्रापर्टी से कोई लेना देना नहीं है और यह सब वाड्रा की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है।
इस बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने यह कहकर विवाद में और आग लगा दी है कि रॉबर्ट वाड्रा की लंदन स्थित संपत्ति की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि वाड्रा ब्रिटिश नागरिकता लेने की कोशिश कर रहे हैं।’इससे पहले कि वाड्रा को ब्रिटिश नागरिकता मिले, सरकार को इस पर जल्द कोई कदम उठाना चाहिए।‘