कानपुर/ मध्‍यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में सीबीआई और यूपी एसटीएफ की टीम को उस समय बड़ी सफलता मिली जब उन्‍होंने संयुक्‍त अभियान में चार साल से वांछित यूपी के सरगना रमेश शिवहरे को गिरफ़्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद रमेश से सीबीआई और यूपी एसटीएफ की टीमें गहन पूछताछ कर रही हैं। आरोपी की पत्नी महोबा जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। रमेश को सीबीआई ट्रांजिट रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

बताया गया कि सीबीआई भोपाल और यूपी एसटीएफ के दल ने देर रात कानपुर के थाना कल्याणपुर के एक मकान में छापा मारकर महोबा जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष अंशु शिवहरे के पति रमेश शिवहरे को गिरफ्तार कर लिया। रमेश बीटेक है और उस पर मध्यप्रदेश के 6 जिलों में मामले दर्ज हैं। जबलपुर पुलिस ने रमेश पर 5000 रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है। मध्‍यप्रदेश एसटीएफ ने पिछले साल भी रमेश की तलाश में महोबा जिले में छापे मारे थे पर तब वह भाग निकला था और उसी समय से फरार चल रहा था।

यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि बसपा शासन काल में रमेश की पत्नी अंशु शिवहरे जिला पंचायत अध्यक्ष थी और वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत सदस्य है। रमेश पहले कानपुर में कोचिंग चलाता था जिससे वह मध्यप्रदेश के लोगों के संपर्क में आया। धीरे-धीरे वह यूपी में व्यापमं घोटाले का सरगना बन गया। वह यूपी से एडमिशन लेने वाले छात्रों से पैसों का लेनदेन करता था। सीबीआई को लंबे समय से रमेश की तलाश थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here