यहाँ जान के लाले हैं

राकेश अचल

यहाँ जान के लाले हैं

गायब ऊपर वाले हैं

*

कैलकुलेटर गिन न सका

बोला- ‘कितने छाले हैं’

*

ये सरकारी कागज है

इसमें सिर्फ हवाले है

*

वनजीवों का संरक्षण

विषधर ढेरों पाले हैं

*

पार उतरकर जाना है

राह में नद्दी- नाले हैं

*

दीवारें बिगाड़ दीं सब

बस आले ही आले हैं

*

दुनिया कितनी बदल चुकी

कहाँ देखने वाले हैं

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टीम मध्‍यमत

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