मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आपदा सिंहस्थ में पीछे रह गयी और श्रद्धा एवं आस्था आगे है। उन्होंने कहा कि यही हमारी भारतीय संस्कृति के विविध आयाम हैं, जो हमें हर मुश्किल परिस्थिति से जूझने और उससे उबरने की शक्ति देते हैं। मुख्यमंत्री आज उज्जैन जिले के निनोरा में वैचारिक महाकुंभ की तैयारियों का अवलोकन करने के बाद चक्रवाती तूफान से प्रभावित मंगलनाथ क्षेत्र का सघन दौरा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेरी अंतर्रात्मा और दिल उज्जैन में ही रमता है। यहाँ आकर साधु-संतों से भेंटकर प्रेरणा और उत्साह का संचार होता है, जिसे आगे बढ़ने का मार्गदर्शन मिलता है।
मुख्यमंत्री ने मंगलनाथ में चल रहे सुधार कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद जो निर्माण हुआ है, वह सराहनीय है। उन्होंने इस्कान मंदिर शिविर में पहुँचकर बच्चों, साधु-संतों से मुलाकात की। यहाँ जब मुख्यमंत्री पहुँचे तो भजन-कीर्तन चल रहे थे। मुख्यमंत्री निर्वाणी अखाड़े गये और साधु-संतों से मुलाकात की। मंगलनाथ में केम्प कर रहे श्री टीलाद्वारा गाधाचार्य मण्डल पीठाधीश्वर से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को शॉल ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री कम्प्यूटर बाबा से भी मिले। उन्होंने कहा कि यह कुम्भ ऐतिहासिक होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को शॉल पहनाकर आशीर्वाद दिया। बाद में मुख्यमंत्री चौहान बड़ा उदासीन अखाड़ा और अमावस्या पर्व पर दूसरे स्नान में शामिल श्रद्धालुओं से मिलने रामघाट पहुँचे और श्रद्धालुओं से मुलाकात की।