राकेश अचल
सावधान रहिये, सतर्क रहिये, चौकन्ना रहिये, जागते रहिये… ये चेतावनियां आपको इसलिए दी जा रही हैं ताकि आपकी अनमोल जिंदगी बची रहे। इस समय देश के भीतर और बाहर खतरा ही खतरा है। देश के भीतर कोरोना और देश की सीमाओं पर चीन का सैन्य जमावड़ा खतरा है। देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन खतरों को स्वीकार कर चुके हैं। देश की अर्थव्यवस्था भी खतरनाक मोड़ पर है। देश में 14 वीं बार शेयर मार्किट औंधे मुंह गिरा है। कल एक ही झटके में जनता का 3.25 लाख करोड़ रुपया डूब गया और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई।
बहरहाल सबसे पहले कोरोना की सुन लीजिये। देश और दुनिया में कोरोना अब पीक पर है। भारत में कोरोना से 1.13 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है और संक्रमित मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार को 74 लाख के पार हो गया। अब तक 74 लाख 30 हजार 635 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। राहत की बात है कि इनमें 65 लाख 21 हजार 634 लोग ठीक भी हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि ”आने वाले ढाई महीने देश के लिए बहुत कठिन हैं। त्योहारों के सीजन और ठंड में संक्रमण के बढ़ने का खतरा अधिक हो गया है। ऐसे में हम सभी को प्रयास करके लोगों को इसके लिए जागरूक करना होगा।”
यूरोपीय देशों की सरकार कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए एक बार फिर सख्ती बढ़ा रही है, जिससे इकोनॉमी रिकवरी प्रभावित हो रही है। फ्रांस ने कर्फ्यू लगा दिया है, जबकि दूसरे देश स्कूल बंद कर रहे हैं। वहीं अस्पतालों में सर्जरी कैंसिल कर रहे हैं। यह भी रिपोर्ट आ रही है कि यूरोप में हर दिन 1 लाख नए केस आ रहे हैं। जबकि, ब्रिटेन में रोज 50 हजार से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं।
अब आइये शेयर बाजार के खतरे की ओर। शेयर बाजार में कल 10 दिन की तेजी पर न केवल ब्रेक लग गया बल्कि भारी गिरावट देखने को मिली। यूरोप में लॉकडाउन की आहट से शेयर बाजार ऐसा सहमा कि सेंसेक्स ने इस साल का 14वां बड़ा नुकसान देखा। सेंसेक्स 1066 अंक गिरकर 39,728 पर तो वहीं, निफ्टी 291 अंक गिरकर 11,680 पर बंद हुआ। इस गिरावट में निवेशकों के करीब 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
आपको याद होगी 23 मार्च 2020 की तारीख, तब दुनिया भर में कोरोना के केवल 3 लाख मामले सामने आए थे और 13 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी। इस आंकड़े के बाद ग्लोबल मार्केट में कोहराम मच गया था, जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में सुनामी आ गई। सेंसेक्स 3934 अंक का गोता लगाकर 25,981.24 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 1110 अंक डूब कर 7634 के स्तर पर।
और अंत में अब तक हमारी सरकार जिस चीन की दादागीरी को लेकर बगलें झांकती नजर आती थी उसने स्वीकार कर लिया है कि कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी संख्या में हथियारों से लैस चीनी सैनिकों की मौजूदगी भारत के समक्ष ‘बहुत गंभीर’ सुरक्षा चुनौती है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जून में लद्दाख सेक्टर में भारत-चीन सीमा पर हिंसक झड़पों का बहुत गहरा सार्वजनिक और राजनीतिक प्रभाव रहा है तथा इससे भारत और चीन के बीच रिश्तों में गंभीर रूप से उथल-पुथल की स्थिति बनी है। एशिया सोसाइटी की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ‘सीमा के उस हिस्से में आज बड़ी संख्या में सैनिक (पीएलए के) मौजूद हैं, वे हथियारों से लैस हैं तथा यह हमारे समक्ष बहुत ही गंभीर सुरक्षा चुनौती है।’
इन तमाम खतरों के बावजूद सरकार बेफिक्र है। उसका सारा ध्यान सत्ता पर काबिज बने रहने पर है। बिहार विधानसभा चुनावों पर है, मध्यप्रदेश के उपचुनावों पर है। बंगाल पर है। गिरते बाजार और बढ़ते कोरोना के बारे में सरकार क्या कर रही है केवल सरकार जानती है। जनता को बताने की जरूरत भी तो नहीं है, क्योंकि जनता मानने को तैयार नहीं है। न सोशल डिस्टेंसिंग हो पा रही है और न अन्य सुरक्षात्मक प्रबंध। जनता की जान हथेली पर रखी है वो भी राम भरोसे। राम हैं तो इंतजामों की क्या जरूरत है? वैक्सीन बनाने का काम अपनी रफ्तार से चल रहा है। वैक्सीन जब आएगी, तब आएगी ।
आपको अच्छा लग रहा होगा कि इन तमाम संकटों के लिए मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा हूँ। ठहरा भी नहीं सकता, क्योंकि अब हर समस्या नियंत्रण के बाहर निकल चुकी है। एक अकेली सरकार या प्रधानमंत्री के बूते का कुछ बचा नहीं है। प्रधानमंत्री जी अपनी सरकार को ही महफूज रख लें ये बड़ी बात है। वैसे उनकी सरकार को कोई खतरा है नहीं, क्योंकि सारे खतरों पर वे पहले ही धूल डाल चुके हैं।
देश का विपक्ष समझदार है। अपने ऊपर मंडराते खतरों को जानता है इसलिए सरकार का तख्ता पलट करने की सोचता ही नहीं है। विपक्ष का विरोध आटे में नमक जितना है। किसान आंदोलन की हवा निकल चुकी है, श्रमिक पहले से रोजी-रोटी की उलझन के चलते संगठित नहीं हो पा रहे हैं। कुल मिलकर देश में पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक अमन-चैन है। अगर कोई बेचैन है तो उसकी कोई गिनती नहीं है।
चलिए खतरों के प्रति आगाह करने के साथ ही आज मैं आपको नवदुर्गा उत्सव की हार्दिक बधाइयां देते हुए कामना करता हूँ कि आपकी हथेली पर रखी जान को शक्ति का प्रतीक नौ देवियां कुछ सुरक्षा प्रदान करें।