रांची/ झारखंड की राजधानी रांची के दो बच्चों की जिंदगी दो कमरों में ही सिमट कर रह गई है। कमरे से बाहर आना और बाहर आकर स्कूल जाना उनके लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं है। ये बच्चे अंजलि और केशव यूं तो आठ साल और डेढ़ साल के हैं, लेकिन उनकी जिंदगी बच्चों के सामान्य और चंचल बचपन से कोसों दूर है। बाकी बच्चों की तरह वे जब स्कूल के लिए निकलते हैं तो उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है।
इन दोनों बच्चों का बच्चों का फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन से खास रिश्ता है। दरअसल ये बच्चे भी उसी दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी प्रोजेरिया का शिकार हैं जिससे पीडि़त होने की भूमिका अमिताभ बच्चन ने अपनी मशहूर फिल्म ‘पा’ में निभाई थी। इसी कारण ये अभी से बूढ़े दिखाई देते हैं। उनकी त्वचा पर झुर्रियां हैं और चेहरे पर हमेशा सूजन रहती है। जोड़ों में भी हमेशा दर्द बना रहता है।
तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली अंजलि कहती है कि दूसरे बच्चे मुझे बूढ़ी औरत कहकर बुलाते हैं। मैंने कई बार टीचर से शिकायत की है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अंजलि और केशव के माता-पिता कपड़े धोकर बमुश्किल 4500 रुपये महीना कमाते हैं। उनकी तीसरी बेटी की हालत भी ठीक नहीं है। डॉक्टर उन्हें बता चुके हैं कि उनके बच्चे ठीक नहीं हो सकते लेकिन उन्हें डॉक्टरों की बात पर भरोसा ही नहीं होता। बच्चे के पिता कहते हैं हम बच्चों का इलाज कराने की कोशिश करते रहेंगे।