अफवाहों से ना डरें, टीका पूरी तरह से सुरक्षित

भोपाल/ कोरोना का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके बारे में जो अफवाहें लोगों के बीच फैल रही हैं, वह निराधार हैं, इन पर ध्यान नहीं दें और टीका लगवा कर खुद को और अपने परिवार को कोरोना महामारी से सुरक्षा प्रदान करें। यह बात डॉ. संतोष शुक्ला, राज्य टीकाकरण अधिकारी, मध्य प्रदेश ने पी.आई.बी., यूनिसेफ और आरओबी भोपाल द्वारा गुरुवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम ‘कोरोना से बचाव और टीकाकरण पर कृषकों से संवाद’ को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि 146 दिनों में लगाये गए 1.34 करोड़ टीकों के कोई प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिले। सिर्फ 70 मामलों में कुछ प्रभाव पाया गया, इसमें भी संबंधित व्यक्ति पहले से ही अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। श्री शुक्ला ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए हमें एसएमएस (सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और हाथों को साबुन से धोना या सेनिटाइज करना) और टीका लगवाने की आवश्यकता है, तभी हम इस महामारी पर नियंत्रण कर पाएंगे। जो पंचायत और गांव शत-प्रतिशत टीकाकरण करा चुके हैं, उन्हें मध्यप्रदेश शासन की तरफ से पुरस्कार भी मिलेगा। कोरोना का टीका महिला या पुरुष की जनन क्षमता को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करता। टीका लगवाने के बाद संक्रमित होना यह स्पष्ट करता है कि संभवत: उस व्यक्ति को टीकाकरण के पहले ही संक्रमण हो चुका था। महिलाएं मासिक धर्म के दौरान भी टीका लगवा सकती हैं।

केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सी.आर. मेहता ने कहा कि किसान भाइयों को धान की रोपाई और सोयाबीन की फसल की बोवाई के समय एसएमएस का बहुत ध्यान रखना होगा। कोरोना काल में कृषि में इंजीनियरिंग का प्रयोग बढ़ गया है। यही कारण है कि पिछले साल रिकॉर्ड 9 लाख ट्रैक्टर की बिक्री देश में हुई। पीआईबी और आरओबी, भोपाल के अपर महानिदेशक प्रशांत पाठराबे ने कहा कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को काफी हद तक संभाले रखा है। इसमें हमारे किसान भाइयों का योगदान सराहनीय है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास होने चाहिए। अफवाहों पर नियंत्रण जरूरी है और इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ. वंदना भाटिया, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, यूनिसेफ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें कोरोना को टाइफायड समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मास्क पहनने की सही विधि, हाथ धोने का सही तरीका लोगों को बताया और टीकाकरण से जुड़ी बहुत सारी आशंकाओं का भी समाधान किया।

कृषक दूत के संपादक अमरेंद्र मिश्रा ने सुझाव दिया कि टीकाकरण केंद्र पंचायत स्तरों पर स्थापित कराए जाएं और पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। नेशनल कृषि मेल के संपादक वीरेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि गांवों में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए गांव के लोगों की सहभागिता बहुत जरूरी है। हम उन्हें साथ लेकर ही इस कार्य को सही तरीके से कर सकते हैं। कार्यक्रम में पीआईबी, भोपाल के निदेशक अखिल नामदेव, यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी समेत प्रदेश भर के बहुत सारे कृषकों ने हिस्सा लिया।

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