मुंबई, मई 2016/ भयंकर सूखे के कारण पानी की किल्लत झेल रहे महाराष्ट्र के लातूर जिले को केंद्र सरकार से पानी के ट्रेन के जरिए करीब 6 करोड़ लीटर पानी तो मिला लेकिन पानी ट्रेन के पीछे पीछे इसका चार करोड़ का बिल भी चला आया। लातूर में प्यासे लोगों को पानी पिलाने के लिए केंद्र ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए पानी की ट्रेन भेजी थी। लेकिन अब पता चला है कि यह मदद निशुल्क नहीं बल्कि सशुल्क थी। ट्रेन पहुंचाने वाले रेल मंत्रालय की ओर से भेजे गए भारी भरकम बिल ने राज्य सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। राज्य ने केंद्र से इस बिल को माफ करने की गुजारिश की है। यह बिल इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु स्वयं महाराष्ट्र के ही हैं।
गौरतलब है कि सूखे का संकट झेल रहे लातूर शहर को अब तक पानी की ट्रेन से 5 करोड़ 70 लाख लीटर पानी पहुंचाया जा चुका है। राज्य इसे रेलवे की तरफ से सूखाग्रस्त लोगों की मदद के लिए उठाया गया कदम समझ रहा था, रेल मंत्रालय की ओर से भेजे गए बिल ने उसका यह भ्रम तोड़ दिया है।
राज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि रेलवे इस सहायता के लिए बिल भेजेगा। अब हमने केंद्र से यह बिल माफ करने का निवेदन किया है, क्योंकि सूखे की वजह से राज्य सरकार पहले ही आर्थिक परेशानियां झेल रही है। उधर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुनील कुमार सूद ने कहा कि ट्रेन के जरिए पानी राजस्थान भी भेजा जा रहा है। राजस्थान सरकार इसके लिए भुगतान करती है। इसी तरह महाराष्ट्र सरकार को भी भुगतान करना होगा। वैसे भी सूखाराहत के लिए जो राशि मंजूर की गई है, उसमें 15 करोड़ रुपए रेलवे के लिए मंजूर किए गए हैं।