सकारात्मकता जीवन का यथार्थ

आकाश शुक्‍ला

काश़… सुशांत सिंह राजपूत जीवन के उस यथार्थ को समझ लेते जो उन्होंने फिल्म धोनी में संजीदगी से निभाया था। फिल्म धोनी का वो दृश्‍य जिसमें रेलवे ऑफिसर और धोनी के बीच जीने की कला सिखाने वाला एक संवाद है। यदि सुशांत इसे जीवन में उतार लेते तो आज एक उम्दा व्यक्ति, उम्दा कलाकार और ऊर्जावान युवा हमारे साथ जीवित होते। हमारे जीवन में अभिनय से मनोरंजन की नई कहानियां गढ़ते रहते। यह जीवंत संवाद है-

स्टे. मास्टर : एक बात बता, तुम्हें अगर कोई फुलटॉस मिलता है, तो तुम क्या करते हो?

धोनी : हिट करते हैं!

स्टे. मास्टर : जब कोई हाफ वॉली मिलती है तो?

धोनी : ड्राइव कर देते है!

स्टे. मास्टर : कोई अच्छा आउट स्विंगर मिल जाता है तो?

धोनी : छोड देते हैं!

स्टे. मास्टर : कोई अच्छा इन स्विंगर मिल जाता है तो?

धोनी : डिफेन्स करते हैं!

स्टे. मास्टर : और अगर तुम्हें कोई अनप्लेयेबल अच्छा सा बाउन्सर आ जाता है तो?

धोनी : डक कर देते हैं!

स्टे मास्टर : बस… यही तो लाइफ है, ऐसा समझो की ये सब बाउन्सर्स हैं और तुम्हें डक करना है! अरे, इसमें इतना सोचने का क्या है? लाइफ में सब गेंदें एक समान थोड़े ही मिलेंगी? मेरिट पे खेलना है और टिके रहना है…!

जैसे क्रिकेट में हर गेंद नहीं खेली जाती वैसे ही जीवन में नकारात्मक बातों को छोड़कर सकारात्मकता को अपनाना चाहिए। जीवन में जीने के सकारात्मक कारण ढूंढें और अपने आसपास का हर वह काम जो आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करे उसे खोजें। कई सकारात्मक कार्य जीने की उर्जा प्रदान करेंगे। कोई भी व्यक्ति चाहे कितनी ही नकारात्मक सोच का क्यों ना हो वह भी कुछ कार्य और बातों के प्रति सकारात्मक होता है।

हर व्यक्ति में कुछ ना कुछ गुण होता है और उसका यही गुण उसे विशेष बनाता है। इसीलिए अपनी विशेषता को पहचानें और अपने विशेष गुणों को अपनी पहचान बनाएं। यह विशेषता ही आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगी।

ऐसे ही सबके आसपास कोई ना कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपके प्रति स्नेह रखता है। ऐसे लोगों को अपने आसपास रखें और उनसे अपना दुख दर्द बांटें। क्योंकि आपके आसपास आपको चाहने वाले लोग ही आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। जीवन में अपने आसपास ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना बहुत जरूरी है।

अपने रक्त संबंधियों पर भी किन्हीं भी परिस्थितियों में पूरा भरोसा रखें क्योंकि वही हर मुसीबत में और अंतिम वक्त में आपके साथ खड़े रहते हैं। चाहे आप उनके प्रति कितनी ही नफरत या नकारात्मकता क्यों ना रखते हों। यह सकारात्मक सोच भी आपको साहस और ताकत देती है और आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। क्योंकि ऐसे लोग आपके प्रति आपके प्रतिकूल व्यवहार के बावजूद ईमानदार होते हैं और आपको बुरे दिनों,  विपत्ति, संकट में, अवसाद से बचाते हैं।

आप इनका जब चाहे तब इस्तेमाल कर सकते हैं और इनके प्रति अनौपचारिक भी हो सकते हैं। यह भी अपने बाप, दादों, परिवार, समाज को देखते हुए आप की पुकार पर दौड़े चले आते हैं। ऐसे लोगों का चयन आपको आश्वस्त रखता है कि आप वक्त आने पर अपनी कठिनाइयों को किसी से कह सकते हैं, कि कोई सुनने वाला है। और यह भी कि कोई आपके साथ खड़ा होने वाला है।

नहीं तो इस जमाने में अंगूठा लगाने वाले तो बहुत मिल जाएंगे लेकिन वक्त पर सब अपने-अपने काम में मसरूफ हो जाएंगे। मेरी दृष्टि में डिप्रेशन का सबसे सरल, सटीक और सस्ता उपाय है विश्वास करें, विश्वास रखें, विश्वास दें और जीवन में कृतज्ञ बनें  कृतघ्न नहीं।

आप के आसपास आप के मां, बाप, भाई, बहन परिवार के लोग और कई मित्र ऐसे होते हैं जिनके लिए आपका जीवन महत्वपूर्ण होता है, इसीलिए जीवन की असफलताओं अपेक्षाकृत कम सफलताओं और सफलता के शिखर पर जाने के बाद, सफलताओं को बचाए रखने की चिंता में, अवसाद से ना घिरें। ये तीनों ही बातें अस्थाई हैं, इन तीनों का अंत होना निश्चित है। आप की आज की असफलता कल की सफलता की पहली सीढ़ी हो सकती है, यदि आप अपनी असफलता पर गंभीरता से विचार करेंगे और अपने असफल होने का कारण खोजेंगे तो यह आपको सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

ऐसे ही कई बार हम किसी भी कार्य में अपेक्षा से अधिक सफलता की उम्मीद करते हैं और उम्मीदों के अनुरूप सफलता नहीं मिलती। ऐसी परिस्थितियों में भी हमें कारण खोजना चाहिए कि हमारी उम्मीदें अधिक थी या मेहनत में कमी थी।

ऐसे ही व्यक्ति जब अधिक सफल हो जाता है तो सफलताओं को बचाए रखने की चिंता भी उसे अवसाद में ले जाती है, इसलिए सफलताओं के शिखर पर जब आप रहें तो उस समय भी सजग रहकर, सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखकर, अपनी सफलता को बरकरार रख सकते हैं। सफलता के बाद सफलता को पचा पाना कठिन होता है, सफलता के दौर में हमारे सफल होने के पहले के दौर के सलाहकार एवं करीबी व्यक्तियों का साथ भी आवश्यक होता है, क्योंकि सफलता के दौर में उचित सलाह देने वालों की कमी हो जाती है।

सफल व्यक्ति की गलती पर भी उसे सलाह देने में उसका सफल होना आड़े आता है और लोग उसे सलाह देने में हिचकते हैं। इसीलिए अपने आसपास ऐसे करीबी लोगों और सलाहकारों को जरूर रखें जिनके लिए आप महत्वपूर्ण हैं और जो आपके जीवन में सकारात्मकता लाने में मदद करते हों।

हर समय एक जैसा नहीं होता और सफलता और असफलता दोनों ही अस्थाई होती हैं, जीवन में दोनों को ही सकारात्मकता से स्वीकार करना चाहिए और असफलताओं का कारण खोज कर और उस कारण को खत्म कर जिंदगी को आसान बनाना चाहिए। असफलताएं और नकारात्मकता दोनों के कारण अवसाद में जाने से बेहतर है कि आप यह सोचें कि आपका जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। आपके लिए भी और आपके अपनों के लिए भी। हम अवसाद में रहकर विपरीत परिस्थितियों को खत्म नहीं कर सकते अवसाद जीवन को खत्म करने की ओर ले जाता है और सकारात्मकता जीवन की ओर ले जाती है।

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टीम मध्‍यमत

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