दिमाग़ में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ पाएँ

विशेष प्रतिनिधि 

रायपुर/ छत्‍तीसगढ़ सरकार की गोबर खरीद योजना को लेकर राज्‍य में राजनीतिक बवाल हो गया है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गुरुवार को घोषित ‘गोधन न्‍याय योजना’ पर तंज कसते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर सरकार को सलाह दे दी कि वो गोबर को प्रदेश का राजकीय चिह्न घोषित कर दे। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए चंद्राकर को सुझाव दे डाला कि वे अपने दिमाग का गोबर बेचकर इस योजना का लाभ उठाएं।

योजना के ऐलान के बाद से जहां कांग्रेस से जुड़े नेताओं और संगठनों ने इसे किसानों और पशुपालकों के लिए लाभकारी बताया है वहीं विपक्षी भाजपा ने सरकार की खिल्‍ली उड़ानी शुरू कर दी है। सबसे तीखा घमासान कुरुद के विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के एक ट्वीट को लेकर हुआ जिसमें चंद्राकर ने सरकार को सलाह दे डाली कि अब वो गोबर को प्रदेश का राजकीय चिह्न भी घोषित कर दे।

चंद्राकर ने छत्‍तीसगढ़ के राजकीय चिह्न के साथ साथ गोबर का फोटो लगाकर यह कहते हुए ट्वीट किया कि ‘’छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में ‘गोबर’ के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए।’’

चंद्राकर का यह ट्वीट आने के बाद बवाल हो गया। कई लोगों ने इस ट्वीट को छत्‍तीसगढ़ का अपमान बताते हुए चंद्राकर को काफी भला बुरा कहा। लोगों ने उनकी बुद्धि और विवेक पर भी सवाल उठाए। लेकिन सबसे तीखी प्रतिक्रिया छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस की ओर से आई। प्रदेश कांग्रेस ने चंद्राकर को आड़े हाथों लेते हुए जवाबी ट्वीट में लिखा-

‘’यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।

तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥

आपकी सोच को देखकर लगता है कि सरकार की इस योजना से भाजपा के नेताओं को काफ़ी लाभ मिल सकता है, उठाना भी चाहिए। दिमाग़ में भरे गोबर को बेचें, आर्थिक लाभ पाएँ। कुछ अच्छी चीजें भी दिमाग़ में घुसेंगी।‘’

इस ट्वीट वॉर ने संकेत दे दिया है कि सरकार की गोबर बेचने की योजना को लेकर बवाल जल्‍दी थमने वाला नहीं है।

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टीम मध्‍यमत

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