चूड़ी, बैग, पटाखे आदि बनाने वाले कारखानों में पुलिस सर्च अभियान चलायेगी। बाल-श्रमिक मिलने पर कारखाने से निकाल कर इनका पुनर्वास किया जायेगा और ऐसा अमानवीय कृत्य करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कानूनी कार्रवाई की जायेगी। गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने यह बात आज निजामुद्दीन कॉलोनी स्थित बाल-कल्याण संस्था में बाल श्रम से मुक्त करवाये गये बाल-श्रमिकों से मिलने पर कही।
बाबूलाल गौर ने 8 से 12 वर्ष आयु के अबोध बालकों से लाख की चूड़ी में नग लगाने के लिये 15-17 घंटे काम करवाने के अमानवीय कृत्य करने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने को कहा। बच्चों के गले और हाथों में गर्म लाख से जलने के निशान देख कहा कि मासूम बच्चों से लगातार प्रताड़ित कर जला देने वाला खतरनाक काम लेना और भरपेट भोजन, नींद नहीं लेने देना कृत्य अक्षम्य है। प्रदेश में ऐसे कारखाने, जहाँ पर बच्चों से काम करवाया जाता है, वहाँ पुलिस सर्च करेगी। उन्होंने कहा कि अभियान में श्रम विभाग को भी शामिल किया जायेगा। श्री गौर ने मुक्त करवाये गये बच्चों के पुनर्वास के निर्देश दिये। उन्होंने पुलिस दल की सराहना करते हुए प्रशंसा-पत्र देने कहा।
पुलिस अधीक्षक गोस्वामी ने बताया कि भोपाल में नसीम के कब्जे से 12 बच्चों को मुक्त करवाया गया है। इन बच्चों से लगातार दो माह से काम लिया जा रहा था। नसीम इन बच्चों को बिहार के अररिया जिले के गाँव से इनके माता-पिता को पढ़ाने का कह कर लाया था। सभी बच्चे निर्धन पारिवारिक पृष्ठभूमि के हैं।