नई दिल्ली, मई 2016/ नरेंद्र मोदी सरकार को विपक्षियों से जितनी आलोचना झेलनी पड़ रही है उतनी ही पार्टी के भीतर भी उसके आलोचकों की संख्या बढ़ती जा रही है। अपने ही नेताओं के ऐसे बयान समय समय पर सरकार और पार्टी को मुश्किल में डालते रहे हैं। इस मामले में बिहार से आने वाले सांसद कुछ ज्यादा ही मुखर हैं फिर चाहे वे अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा हों या नौकरशाह से सांसद बने आर.के.सिंह। इसी कड़ी में सोमवार को एक और नया नाम बिहार के ही बेगूसराय के सांसद डॉक्टर भोलासिंह का जुड़ गया। भोलासिंह ने संसद में अपनी ही पार्टी की सरकार की कथनी और करनी में अंतर को लेकर जमकर आलोचना की।
सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हों ने संसद में कहा कि यह सरकार भी कुछ हद तक रिलायंस के लिए काम करती है। कई सालों से संसद इस बात की गवाह रही है कि सरकार किसी की भी हो रिलायंस को लेकर उसकी नीति नहीं बदली है। रिलांयस को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की भी वही नीति है, जो पिछली यूपीए सरकार की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। मोदी कई बार इनके साथ सार्वजनिक मंच पर नजर आए हैं। भोला सिंह वही सांसद हैं जो बिहार चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे पर भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है। उन्होंने बिहार में भाजपा की हार पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कठघरे में खड़ा करते हुए दिग्गज नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि भाजपा के शीर्ष नेताओं को बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। संसद में रिलायंस को लेकर भोलासिंह के आरोप ने सरकार व पार्टी दोनों को सकते में डाल दिया है। अभी तक अरविंद केजरीवाल जैसे नेता रिलायंस समूह से प्रधानमंत्री की नजदीकी को लेकर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन उनके आरोपों को एक विपक्षी नेता की आलोचना बताकर भाजपा दरकिनार करती रही है। अब सत्तारूढ़ दल के ही सांसद की ओर से ऐसे आरोप लगाए जाने के बाद केजरीवाल जैसे नेताओं को सरकार और प्रधानमंत्री पर हमला करने का मौका मिल गया है।