रायसेन(म.प्र)/ अभी अभी देश की दो बेटियां पीवी सिंधु और साक्षी मलिक रियो ओलंपिक से भारत के लिए पदक लेकर लौटी हैं। एक ओर जहां ओलंपिक पदक पाने के बाद सिधु और साक्षी पर पैसों की बरसात हो रही है वहीं देश की एक और होनहार बेटी सिर्फ 80 हजार रुपए न होने के कारण एक विश्वस्तरीय स्पर्धा में भाग लेने से वंचित होती नजर आ रही है।
बेसबाल नगरी कहे जाने वाले रायसेन जिले के छोटे से शहर औबेदुल्लागंज की बेसबाल खिलाड़ी जैनब खान का विश्व कप बेसबाल के लिये भारतीय टीम में चयन हो गया है, लेकिन स्पर्धा के लिए दक्षिण कोरिया जाने की राह में आर्थिक तंगी आड़े आ गई है। भारतीय बेसबाल टीम में चयन होने के बाद भी जैनब खान फेडरेशन में अस्सी हज़ार रुपये जमा करने की स्थिति में नही है और इसीके चलते उसका अगले माह होने वाले विश्व कप में खेलने का सपना अधूरा ही रह जाने की आशंका है।
विश्व कप में शामिल होने के लिये बेसबाल फेडरेशन सभी खिलाड़ियों से अस्सी हज़ार रुपये प्रति खिलाड़ी जमा करवा रहा है। जैनब खान के परिवार की आर्थिक स्थिति पैसा जमा करने की नही है और इसी कारण वो भारतीय टीम में चयन होने की उपलब्धि के बाद भी संभवत: विश्व कप न खेल सके। जैनब के परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी मेहनत और लगन से भारतीय टीम तक तो पहुंच गई लेकिन अब पैसों की परेशानी उसके आगे बढ़ने में आड़े आ रही है।
जैनब के पिता अय्यूब खान पहले एक निजी गैस एजेंसी में काम करते थे और फिलहाल बेरोजगार हैं। उनकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि वे 80 हज़ार रुपये जमा कर सकें। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार खेलों को काफी बढ़ावा देती है और यदि उनकी बेटी को विश्व कप में शामिल होने के लिये मदद हो जाए तो वह भी प्रदेश का नाम रोशन करेगी।
जैनब फिलहाल हरियाणा के रोहतक में भारतीय टीम के साथ कैंप अटेंड कर रही है और फेडरेशन में पैसे जमा कराने के बाद वहीं से उसे विश्वकप में भाग लेने दक्षिण कोरिया जाना है। जैनब की मां का कहना है कि उनकी बेटी काफी मेहनती है और इसी कारण वो आज भारतीय टीम में भी सिलेक्ट हो गई है। लेकिन आर्थिक तंगी उसकी राह का रोड़ा बन गई है।