Operation Sindoor : केंद्र द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शशि थरूर को चुनने के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेर लिया है। केंद्र के एक फैसले से कांग्रेस के भीतर एक और संकट पैदा हो गया है। मोदी सरकार की एक घोषणा से कांग्रेस पार्टी के भीतर पहले से खराब चल रहे समीकरण और अधिक उजागर हो गए हैं।
दरअसल, भाजपा ने उन नेताओं के नाम जारी किए हैं जो आने वाले दिनों में पाकिस्तान से पैदा हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के युद्ध के लिए समर्थन जुटाने और इस्लामाबाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश करने के लिए दुनिया भर की यात्रा करेंगे।
प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वालों में शशि थरूर भी शामिल
सरकार द्वारा घोषित सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वालों में लोकसभा सांसद शशि थरूर भी शामिल हैं, जो विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। सरकार ने प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए थरूर, उनके लोकसभा सहयोगियों मनीष तिवारी और अमर सिंह और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से संपर्क किया था।
कांग्रेस द्वारा सुझाई गई सूची में थरूर का नाम नहीं
प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों के नाम सार्वजनिक किए जाने के तुरंत बाद, कांग्रेस ने यह बताया कि पार्टी ने सरकार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई और सांसद सैयद नसीर हुसैन तथा अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के नाम सुझाए हैं। कांग्रेस द्वारा सुझाई गई सूची में थरूर का नाम नहीं है और न ही तिवारी, खुर्शीद और अमर सिंह के नाम हैं।
राष्ट्रीय हित के काम से पीछे नहीं रहूँगा : थरूर

थरूर ने स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रहित में इस अभ्यास में भाग लेंगे। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया जिसमें लिखा था कि, “मैं हाल की घटनाओं पर हमारे राष्ट्र के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित शामिल होता है, और मेरी सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो मैं पीछे नहीं रहूँगा। जय हिंद।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच सबकुछ ठीक नहीं

शशि थरूर का नाम इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि बीते कई दिनों से उनकी और प्रधानमंत्री की नजदीकियां चर्चा में हैं। जब नरेंद्र मोदी केरेल की यात्रा पर थे तो न केवल शशि थरूर ने उनका स्वागत किया बल्कि उनके साथ मंच भी साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था, जिसे न तो हाथ से हटाया जा सकता है, न चप्पल से मारा जा सकता है। हालांकि सीजफायर की घोषणा के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए यह भी कहा था कि, “उसकी फितरत है मुकर जाने की, उसके वादे पर यकीं कैसे करूँ।” मीडिया में इन बातों की भी चर्चा है कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे भारत एकजुट है
इधर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता का भारत का कड़ा संदेश देगा। सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में, भारत एकजुट है। राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब।
बता दें कि, ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा। वे दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के देश के कड़ा संदेश देंगे।
विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। निम्नलिखित संसद सदस्य सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे –
1)शशि थरूर, कांग्रेस
2) रविशंकर प्रसाद, भाजपा
3) संजय कुमार झा, जेडीयू
4) बैजयंत पांडा, भाजपा
5) कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके
6) सुप्रिया सुले, एनसीपी
7) श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिव सेना