भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों की चाह रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने राज्य में खाली पड़े सरकारी पदों को अगले वर्ष स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त तक भर देने का फैसला किया है। यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में किया गया।
राज्य में बड़ी संख्या में सरकारी पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। सरकार के इस फैसले से सरकारी नौकरी में जाने के इच्छुक उम्मीदवारों को कुछ उम्मीद बंधी है। अगले साल के अंत में राज्य में चुनाव भी होने हैं और ताजा फैसले के अनुसार ये एक लाख भरतियां चुनाव से करीब दो माह पहले कर ली जाएंगी। आज की स्थिति में खाली पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन और चल रही भर्ती प्रक्रिया में करीब 88 हजार 750 पद भरने की प्रक्रिया पूरी होने की तरफ है।
बंद होंगे हुक्का लाउंज
प्रदेश में नशे के बढ़ते कारोबार और इसके कारण युवाओं का भविष्य बरबाद होने की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने राज्य में हुक्का लाउंज बंद करने का भी फैसला किया है। इस बारे में जल्दी ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सरकार के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि हुक्का लाउंज बंद करने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में संशोधन प्रस्ताव कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। अब इसे केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेजा जाएगा। उसके बाद विधानसभा में पेश होने और वहां से विधेयक पारित होने पर हुक्का लाउंज यदि चलते पाया गया तो एक से तीन साल की सजा और 50 हजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इस बिल के प्रावधान के अनुसार, सब इंस्पेक्टर और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी को कार्रवाई का अधिकार होगा।
युवा नीति लागू होगी
युवाओं के लिए अवसरों की उपलब्धता और समाज में उनकी भागीदारी को और अधिक महत्व देने के लिए सरकार युवा नीति लेकर आ रही है। आगामी 13 जनवरी को यह नीति लागू कर दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्रीर शिवराज सिंह ने युवाओं के सुझाव लेने के निर्देश देते हुए कॉलेजों में बॉक्स लगाने को कहा है ताकि युवा इस नीति को लेकर अपने सुझाव दे सकें। नीति में उन सुझावों को भी शामिल करने का प्रयास होगा। इसके बाद युवा नीति घोषित की जाएगी।
सिनेमाघरों पर अंकुश रख सकेंगे नगर निगम
कैबिनेट में सिनेमाघरों के अधिकार नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद को देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इन पर अब नगर नगरीय निकाय अंकुश रख सकेंगे। सिनेमाघरों में किसी प्रकार के नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान एक हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने और पैनाल्टी 100 रुपये प्रतिदिन की जगह 5000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
गृह मंत्री ने बताया कि आजादी के पहले के कई ऐसे कानून है, जो अप्रासंगिक हो गए हैं। उनको खत्म करने के प्रस्ताव के साथ ही कैबिनेट ने अनुपूरक बजट को भी स्वीकृति दी।