कैलाश सत्यार्थी करेंगे ‘भारत यात्रा’

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नई दिल्‍ली/ नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी देश भर में बाल तस्करी और बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई का प्रसार करने के लिए ऐतिहासिक भारत यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। यह यात्रा ‘सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत’ के प्रति उनके विश्वास का प्रतीक है। 35 दिनों की यह यात्रा 22 राज्यों  और केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी, जिसमें 1500 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। दक्षिण में यात्रा की शुरूआत कन्याकुमारी से होगी और इसमें पूरे पश्चिम भारत को कवर किया जाएगा। इसी तरह देश के पूर्वी हिस्से में यात्रा की शुरुआत गुवाहाटी से होगी, जबकि उत्तर भारत में श्रीनगर से इसकी शुरुआत होगी। यात्रा का समापन 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा।

कैलाश सत्यार्थी पिछले 36 वर्षों से दुनिया भर में बच्चों की आजादी, सुरक्षा और संरक्षा के लिए अभियान चला रहे हैं। 1893 में शिकागो में महान नेता स्वामी विवेकानंद के भाषण की सालगिरह की याद में इस यात्रा को 11 सितंबर को कन्याकुमारी के विवेकानंद मेमोरियल से रवाना किया जाएगा।

पीड़ित बच्चों के माता-पिता के साथ भारत यात्रा की घोषणा करते हुए सत्यार्थी ने कहा, “आज मैं बाल यौन शोषण और तस्करी के खिलाफ युद्ध का ऐलान करता हूं। मेरी यह ‘भारत यात्रा’ बच्चों के लिए भारत को फिर से सुरक्षित बनाने के लिए इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन है। यात्रा के सिलसिले में पिछले दिनों सत्‍यार्थी ने दिल्ली में सांसदों से मुलाकात कर बाल तस्करी और बाल यौन शोषण के मुद्दे पर जानकारी दी और इस खतरे के प्रति जागरूकता फैलाने में उनका समर्थन मांगा। इस अभियान के द्वारा देश के एक करोड़ लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है।

भारत यात्रा बच्चों का बलात्कार और बाल यौन शोषण के खिलाफ तीन साल के अभियान की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और मामला दर्ज करने, चिकित्सा स्वास्थ्य और मुआवजा सहित सुनवाई के दौरान पीड़ितों और गवाहों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा बाल यौन शोषण के दोषियों को समयबद्ध सजा दिलाने के मामलों में तेजी लाने के लिए संस्थागत प्रतिक्रिया को सुदृढ़ बनाना है। कई परिवारों ने इस अभियान में सत्‍यार्थी को समर्थन का वचन दिया और उम्मीद जताई कि बाल संरक्षण की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

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