भोपाल/ समाज के उत्थान में पत्रकार और पत्रकारिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। समाज में क्या श्रेष्ठ है और क्या नहीं, पत्रकारों को इस अंतर को निरंतर प्रस्तुत करते रहना चाहिए, ताकि समाज श्रेष्ठता की ओर बढ़ सके। देवर्षि नारद भारतीय पत्रकारिता के प्रेरणास्रोत हैं। हम उनके जीवन से नैतिकता, सत्य निष्ठता, निष्पक्षता, लोक कल्याण में संवाद की कुशलता सीख सकते हैं।
यह विचार प्रख्यात फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री ने देवर्षि नारद जयंती के प्रसंग पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश ने किया। इस अवसर पर प्रतिवर्ष दिए जाने वाले देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार और सम्मान की घोषणा भी ऑनलाइन की गई।
अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना के संकट काल में पत्रकारों को सकारात्मक समाचार समाज के सामने लाने चाहिए, ताकि लोगों की हिम्मत बढ़े। जब लोगों का हौसला मजबूत होता है तो वे बड़ी से बड़ी विपदा को भी परास्त कर सकते हैं। पत्रकारिता के माध्यम से ऐसी कोई बात समाज में नहीं जानी चाहिए, जिससे समाज का नुकसान होता हो।
अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्मों एवं अन्य माध्यमों में नारद मुनि ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के अन्य प्रतीकों को भी विकृत रूप में प्रस्तुत करने का षड़यंत्र वर्षों तक चला है। यह सब चाइना, कम्युनिस्ट, अर्बन-नक्सल और कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों की फंडिंग के द्वारा चलता रहा है, आज भी चलता है। हमें डटकर इसका विरोध करना चाहिए। नारद मुनि का सारा संवाद लोकहित के लिये है। वे समाज को जोड़ने का काम करते हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि भारत में कुछ लोगों ने पत्रकरिता का स्वरूप बिगाड़ कर उसे ग्लैमरस कर दिया है। खबरों की जगह गॉसिप्स को बढ़ावा दिया है। पत्रकारिता तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। समाचार पत्र को प्रॉडक्ट मानने वाली सोच ने ही पत्रकारिता का सर्वाधिक नुकसान किया है।
नारद सम्मान एवं पुरस्कार
विश्व संवाद केंद्र, मध्यप्रदेश की ओर से पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिये प्रतिवर्ष दिए जाने वाले ‘देवर्षि नारद पत्रकारिता सार्थक जीवन सम्मान-2020’ से वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिन्दुस्तानी को सम्मानित किया गया। जबकि सकारात्मक रिपोर्टिंग के लिये दिए जाने वाले ‘देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार-2020’ के लिये पत्रकार सुश्री अंजली राय, राहुल शर्मा और श्रीकांत त्रिपाठी के समाचारों का चयन किया गया।