मप्र में शिवराज के कलेक्‍टर ने उड़ाई मोदी की खिल्‍ली

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बड़वानी कलेक्‍टर ने की नेहरू की तारीफ, मोदी सरकार की आलोचना

भोपाल, मई 2016/ एक तरफ भारतीय जनता पार्टी मोदी सरकार के दो साल पूरे होने का जश्‍न मना रही है, दूसरी तरफ मध्‍यप्रदेश में भाजपा की ही सरकार के अधीन काम करने वाले अफसर मोदी सरकार की नतियों की सार्वजनिक रूप से खिल्‍ली उड़ा रहे हैं। बड़वानी कलेक्टर अजय गंगवार ने अपनी फेसबुक वॉल पर नेहरू और गांधी परिवार और उनकी नीतियों की तारीफ करते हुए सवाल उठाया है कि गोशाला और मंदिर की जगह यूनिवर्सिटी खोलना क्‍या नेहरू की गलती थी? गंगवार की यह पोस्‍ट सार्वजनिक होते ही हड़कंप मच गया। अपने ही एक अफसर द्वारा प्रधानमंत्री की परोक्ष रूप से की गई निंदा से सरकार सकते में आ गई। हालांकि भारी दबाव के बाद कलेक्‍टर ने अपनी पोस्‍ट तो हटा ली लेकिन मामले ने तूल पकड़ लिया है।

यह लिखा था कलेक्‍टर ने फेसबुक पर

‘’जरा गलतियां बता दीजिए जो नेहरू को नहीं करनी चाहिए थी तो अच्‍छा होता। यदि उन्‍होंने आपको 1947 में हिंदू तालिबानी राष्‍ट्र बनने से रोका तो यह उनकी गलती थी। वे आईआईटी, इसरो,बार्क, आईआईएसबी, आईआईए, बीएचईएल, स्‍टील प्‍लांट, डीएएमएस, थर्मल पॉवर लेकर आए यह उनकी गलती थी। आसाराम और रामदेव जैसे इंटलेक्‍चुअल की जगह साराभाई और होमी जहांगीर को सम्‍मान व काम करने का मौका दिया, यह उनकी गलती थी। उन्‍होंने देश में गोशाला और मंदिर की जगह यूनिवर्सिटी खोली यह भी उनकी घोर गलती थी। उन्‍होंने आपको अंधविश्‍वासी की जगह एक साइंटिफिक रास्‍ता दिखाया यह भी गलती थी। इन सब गलतियों के लिए गांधी फैमिली को देश से माफी तो बनती है।‘’

हालांकि इस पोस्‍ट पर विवाद बढ़ने के बाद गंगवार ने इसे एक ‘व्‍यंग्‍य’ बताया है लेकिन कोई भी इस पोस्‍ट को पढ़ कर उनकी बात पर यकीन नहीं कर सकेगा।

मामले की जांच होगी

कलेक्‍टर की हरकत सामने आने के बाद राज्‍य के मुख्‍य सचिव एंटनी डिसा ने कहा कि नीतिगत मामलों को लेकर अपनी राय तो रखी जा सकती है, लेकिन अफसर राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर सकते। इस मामले की जांच कराई जाएगी।

उधर राज्‍य की पूर्व मुख्‍य सचिव निर्मला बुच ने कहा कि अभिव्‍यक्ति की आजादी के नाम पर इस तरह की टिप्‍पणियों की इजाजत नहीं दी जा सकती। सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखना निजी मसला नहीं है।

प्रदेश के सामान्‍य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य का कहना है कि सोशल मीडिया के उपयोग पर कोई रोक नहीं है, लेकिन अफसरों को सर्विस कंडक्‍ट रूल्‍स का ध्‍यान रखना चाहिए। इस सबंध में सरकार जल्‍द ही दिशा निर्देश जारी करेगी।

पहले भी हुए हैं ऐसे प्रसंग

मध्‍यप्रदेश में अफसरों की ओर से राजनीतिक कमेंट किए जाने के प्रसंग पहले भी हुए हैं। खुद गंगवार इससे पहले आधार कार्ड, रोहित वेमुला कांड आदि को लेकर सरकार पर कमेंट कर चुके हैं। एक कमेंट में उन्‍होंने लिखा था कि आज गांधी और नेहरू दोनों ही फैनेटिक आर्गेनाइजेशंस के टारगेट पर हैं। कुछ दिन पहले नरसिंहपुर कलेक्‍टर सिबि चक्रवर्ती ने फेसबुक पर तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता की तारीफ करते हुए उन्‍हें बधाई संदेश आदि पोस्‍ट किए थे।

मामले पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा है कि नौकरशाहों का इस तरह राजनीतिक बयान देना कतई ठीक नहीं है।

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