नई दिल्ली/ नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगडि़या ने कहा है कि वे दिल्ली मेट्रो जैसी योजनाओं ने देश के बारे में उनकी निराशावादी सोच को बदल दिया है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की उपलब्धियों ने देश की नई छवि का निर्माण किया है। आज दिल्ली मेट्रो रेल के बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दिल्ली मेट्रो रेल निगम के 22वें स्थापना दिवस (डीएमआरसी) के अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बहुत साफगोई से यह बात स्वीकार की कि 1980 के दशक से भारत के बारे में उनकी बहुत सोच निराशावादी थी, जो आज आशावाद में बदल गई है। ‘डीएमआरसी ने देश के बारे में मेरी निराशावाद सोच को तोड़ दिया’
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए पानगडि़या ने कहा- “मैं सोचता था कि भारत विकास में अभी भी काफी पीछे है, लेकिन डीएमआरसी ने मेरी यह सोच बदल दी। इसने मुझे एक आशा दी है। दिल्ली मेट्रो के बिना जीवन अकल्पनीय है।‘’
पानगडि़या ने दिल्ली मेट्रो के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि 15 साल की अवधि में दिल्ली मेट्रो ने 200 किलोमीटर का नेटवर्क बनाया है।