भोपाल/ कोरोना काल में इस महामारी से संघर्ष और इस चुनौती से निपटने के मैदानी तरीक़ों पर बात करने के लिए मंगलवार को मीडिया मीट का आयोजन किया गया। देवी अहिल्या विश्ववियालय इंदौर के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और यूनिसेफ द्वारा आयोजित इस मीडिया मीट में भोपाल, इंदौर और राज्य के अन्य हिस्सों से लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
मीडिया मीट में प्रोफेसर संजय द्विवेदी, महानिदेशक, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली ने कोविड 19 की चुनौतियों, इससे उपजे भेदभाव का ज़िक्र किया और ग्रामीण इलाक़ों के अनुभवों को सामने लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि कैसे मीडिया सभी को कोविड 19 की रोकथाम के लिए जागरूक करने में सक्षम हुआ। उन्होंने भेदभाव को ख़त्म करने की चुनौती लेने के लिए मीडिया मीट आयोजित करने को यूनिसेफ का सराहनीय कदम बताया।
शरद द्विवेदी ग्रुप एडिटर बंसल न्यूज़ ने इन्फोडेमिक की चुनौती पर बात की। उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज पर ध्यान देने के साथ ही यह कोरोना योद्धाओं की कहानियों पर फ़ोकस करने का समय है।
यूनिसेफ इंडिया के कम्युनिकेशन, एडवोकेसी और पार्टनरशिप प्रमुख ज़ाफरीन चौधरी ने भेदभाव को दूर करने के लिए राष्ट्रीय अभियान के बारे में बताया। कोरोना नायकों की कहानियों को सामने लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि संक्रमितों के लिए सकारात्मक वातावरण बनाएं। संक्रमित होने पर डर कर उसे छिपाने की ज़रूरत नहीं है। मीडिया अपनी भूमिका निभा रहा है, लेकिन हमें अभी सकारात्मक माहौल बनाए रखना होगा। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों से अनुरोध किया कि वे अपने मीडिया पाठ्यक्रम में सार्वजनिक स्वास्थ्य और बाल अधिकारों को शामिल करें।
सुधीर गोरे, संपादक नईदुनिया, डिजिटल ने अपनी वेबसाइट पर शेयर की गई कोविड 19 योद्धाओं की कहानियाँ, तथ्य की जांच प्रणाली और मीडिया साक्षरता अभियान की जानकारी दी। उन्होंने मीडिया के लिए इस समय की चुनौती के बारे में बात की लेकिन कहा कि सफलता और संघर्ष की कहानियों के लिए अभी भी बहुत जगह है। ये लोगों के लिए मायने रखते हैं। डॉ. सोनाली नरगुंडे, हेड, डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन ने कहा कि यह मीट यूनिसेफ़ के साथ मिल कर बाल अधिकारों पर सत्रों और मीडिया जागरूकता के लिए किए जा रहे आयोजनों का हिस्सा थी।
अनिल गुलाटी, संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ, मध्य प्रदेश ने इस मीट के सत्र और उद्देश्य की जानकारी दी। सोनिया सरकार, संचार अधिकारी, यूनिसेफ इंडिया ने बताया कि कोरोना काल में कैसे मीडिया ने मदद की है। प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि सामग्री विश्लेषण करने और किसी मीडिया रिपोर्ट के कारण उपजे भय और भेदभाव को कम करने के लिए एक टूल किट विकसित की जानी चाहिए।