राव श्रीधर
आईपीएल में सोमवार का दिन अब तक का सबसे रोमांचक दिन साबित हुआ। किंग्स इलेवन पंजाब के मनन वोहरा ने 190 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। 50 गेंद में 95 रन ठोक दिये। इस दौरान उन्होंने 9 चौके और 5 छक्के लगाये। अकेले अपने दम पर उन्होंने मैच को उस मुकाम पर पहुंचा दिया था जहां से सनराइजर्स हैदराबाद की टीम लगभग ये मैच गवां ही चुकी थी। 159 का पीछा करते हुए, मरे हुए मैच में मनन ने अपनी आतिशी पारी से जान फूंक दी।
लेकिन पारी के 19 वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार की एक लो फुल टॉस गेंद पर मनन का बल्ला गेंद की रफ्तार को भांप नहीं पाया और गेंद सीधे उनके पैड से जा टकरायी। इस घटना पर हर क्रिकेट फैन के दिल से बस एक ही बात निकली कि काश! बल्ले ने थोड़ा संयम बरता होता या भुवी की गेंद थोड़ी ठहर जाती। लेकिन क्रिकेट में कहते है ना गेंद से ज्यादा बेहरम चीज कुछ नहीं होती। बस वो इंतजार करती है बल्लेबाज की एक गलती का और फिर बड़े से बड़ा पहाड़ रेत की तरह भरभरा जाता है।
मनन के साथ बिलकुल यही हुआ उन्होंने अकेले अपने दम पर जीत का पहाड़ खड़ा कर दिया था, उम्मीदों का हिमालय उनके कदमों में था, शिखर पर पहुंच कर मनन जीत का झंडा गाड़ने ही वाले थे कि हिमालय में हिमस्खलन हो गया और किंग्स इलेवन पंजाब की टीम मैच हार गई।
लेकिन मनन की ये कहानी उस पर्वतारोही की तरह आनेवाले कई सालों तक क्रिकेटरों की प्रेरणा देती रहेगी जिसके सफर को बर्फ की आंधियां कभी डरा नहीं सकतीं। वो सिर्फ ये जानता है कि मौत किसी भी हो सकती है लेकिन रुकना नहीं है।