सदी के दूसरे सिंहस्थ के तीसरे व अंतिम शाही स्नान में 21 मई को दत्त अखाड़ा व रामघाट पर एक ही समय प्रात: 3 बजे से क्रमश: शैव व वैष्णव सम्प्रदाय के अखाड़ों के साधु, संत शाही स्नान करेंगे। यह पहला अवसर है जब श्रद्धालु क्षिप्रा के दोनों तटों पर एक साथ साधु संतों को स्नान करते हुए दर्शन लाभ ले सकेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरी की अध्यक्षता में आज अखाड़ा परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से स्नान का समय एक घंटा बढ़ाते हुए सुबह 4 बजे के स्थान पर 3 बजे करने तथा दत्त अखाड़ा घाट एवं रामघाट पर एक ही समय में शैव और वैष्णव अखाड़ों का शाही स्नान प्रारंभ करवाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से अखाड़ों का स्नान का समय 11 बजे तक पूरा हो जाएगा और श्रद्धालुओं को स्नान के लिए घाट उपलब्ध रहेंगे। इससे आम श्रद्धालुओं को स्नान में काफी सुविधा होगी। बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री हरिगिरिजी, संभागायुक्त डॉ रवींद्र पस्तौर, एडीजीपी श्री व्ही. मधुकुमार, डीआईजी श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री कवींद्र कियावत, मेला अधिकारी श्री अविनाश लवानिया सहित सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जूना आवाहन एवं अग्नि अखाड़े का स्नान प्रात: 3 बजे से, निरंजनी एवं आनंद अखाड़े का स्नान प्रात: 4 बजे से तथा महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े का शाही स्नान प्रात: 5 बजे से प्रारंभ होगा। शैव अखाड़ों के साधु-सन्यासियों के स्नान के बाद प्रात: 7 बजे से दत्त अखाड़ा घाट आम श्रद्धालुओं के स्नान के लिए खुला रहेगा। इसी तरह रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों के स्नान की व्यवस्था रहेगी। निर्मोही अणि अखाड़ा का स्नान प्रात: 3 बजे से, दिगम्बर अणि अखाड़े का स्नान प्रात: 4 बजे से एवं निर्वाणी अणि अखाड़े का स्नान प्रात: 5 बजे से रामघाट पर प्रारंभ होगा। सुबह 7.30 बजे तक रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों का शाही स्नान पूरा हो जाएगा। रामघाट पर ही उदासीन अखाड़ों का स्नान होगा। बड़ा उदासीन अखाड़ा और नया उदासीन अखाड़ा प्रात: 8.30 बजे स्नान के लिए रामघाट पहुँचेगा और 9.30 बजे तक स्नान कर वापस अपनी छावनी में पहुँचेंगे। रामघाट पर निर्मल अखाड़े का स्नान प्रात: 10 बजे से प्रारंभ होगा और 11 बजे तक स्नान पूर्ण होकर घाट आम श्रद्धालुओं के स्नान के लिए उपलब्ध रहेगा। इस तरह प्रात: 11 बजे से आम श्रद्धालु रामघाट एवं दत्त अखाड़ा घाट पर पहुंचकर स्नान कर सकेंगे।
पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर सिंह वर्मा ने बताया कि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा एवं अग्नि अखाड़े का जुलूस अपनी छावनी से रवाना होकर छोटी रपट पर पहुँचकर स्नान कर दत्त अखाड़ा के समीप बने रेम्प से अपने केम्प में पहुँचेंगे। निरंजनी अखाड़े एवं आनंद अखाड़े का जुलूस बड़नगर रोड स्थित शिविर से रवाना होकर छोटी रपट होते हुए बाएं चलने के सिद्धांत का पालन करते हुए रोड डिवाइडर के बायीं तरफ जाकर खड़ा हो जाएगा तथा निरंजनी अखाड़े के जुलूस के वापस होने के तुरंत बाद दत्त अखाड़ा में प्रवेश करेगा। यहाँ स्नान के बाद अखाड़ा घाट खाली कर डिवाइडर की दूसरी ओर से होते हुए बड़नगर रोड पर शंकराचार्य चौराहे होते हुए वापस अपनी छावनी में पहुँचेगा। महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े का जुलूस बड़नगर रोड स्थित केम्प से रवाना होकर छोटी रपट पर दत्त अखाड़ा घाट के समीप लगे रोड डिवाइडर के बांयीं ओर आकर खड़ा होगा तथा दत्त अखाड़ा घाट खाली होते ही घाट पर प्रवेश करेगा। स्नान के बाद डिवाइडर की दूसरी तरफ सड़क के बाएं चलने के सिद्धाँत का पालन करते हुए वापस अपनी छावनी के लिए रवाना हो जाएगा।
रामघाट पर निर्मोही, दिगम्बर एवं निर्वाणी अखाड़ों का स्नान भी प्रात: 3 बजे से प्रारंभ होगा। यह अखाड़े खाकचौक से अंकपात, पटेल नगर, निकास चौराहा, कंठाल, सती गेट, छत्री चौक, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, रामानुज कोट होते हुए रामघाट पर पहुँचेंगे। स्नान के बाद गंधर्व गेट से दानी गेट, बिलोटीपुरा, जूना सोमवारिया, वाल्मीकि धाम के सामने से पिपलीनाका, अंकपात मार्ग होते हुए यह अखाड़े वापस अपनी छावनी पहुँचेंगे।
बड़ा उदासीन अखाड़ा अपने शिविर के सामने से राजपूत धर्मशाला से दानी गेट मोड़ की धर्मशाला गनगौर दरवाजा होते हुए रामघाट पर प्रवेश करेगा। नया उदासीन अखाड़ा अपने शिविर से रवाना होकर शंकराचार्य तिराहा छोटी रपट होकर रामघाट पर प्रवेश करेगा। दोनों अखाड़े स्नान के बाद उक्त तय मार्ग से वापस अपनी छावनी में पहुँचेगा। निर्मल अखाड़ा अपने शिविर से रवाना होकर छोटी रपट पर रोड डिवाइडर के सेवादल शिविर के पास आकर खड़ा होगा तथा नया उदासीन अखाड़े के वापस जाने के बाद वहाँ से रवाना होकर घाट पर पहुँचेगा और स्नान के बाद वापस इसी मार्ग से अपने शिविर में पहुँचेगा।
बैठक में स्नान के लिए तय समयसीमा का पालन, निर्धारित समय में स्नान पूर्ण करने पर भी सभी ने सहमति जताई। शाही स्नान के लिए जाते समय जुलूस में वाहनों की संख्या कम से कम रखने, जुलूस में शामिल वाहनों का क्रम अंकित करने तथा जुलूस में भक्तों की संख्या भी सीमित रखने पर सहमति व्यक्त की गई, जिससे कि यातायात व्यवस्था में कोई असुविधा न हो। संभागायुक्त ने कहा कि सभी अखाड़े अपने महामंडलेश्वरों से आग्रह करें कि वे अलग से जुलूस निकालकर स्नान में शामिल न होते हुए अखाड़ों के साथ ही स्नान करें। जुलूस में बिना नंबर और बगैर आईडी कार्ड के कोई वाहन या श्रद्धालु शामिल न हो।
बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरिजी ने सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने अखाड़े के लिए िनर्धारित समय पर घाट पर पहुँचे और तय समय में स्नान कर अन्य अखाड़ों के लिए घाट को खाली करें। इससे किसी को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। सभी अखाड़े तय समय सीमा में स्नान करें। परंपराओं का पालन करें। बैठक में उपस्थित सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।