चलती सड़क पर जान से खेलता ‘किकी डांस’

अजय बोकिल

पचास साल पहले एक फिल्म आई थी ‘गुनाहों का देवता’। इसमें मशहूर कामेडियन महमूद पर फिल्माया गया गाना था ‘मैं मरने चला हूं…।‘ महमूद इश्क की खातिर मरने जा रहे थे। लोग उनको रोक रहे थे, लेकिन वो डांस करते हुए झील की तरफ बढ़े जा रहे थे। लगता है आज के दौर में वही कॉमेडी बदली शक्ल में ‘किकी डांस’ के रूप में पूरी दुनिया में वायरल हो रही है। ऐसा खतरनाक डांस, जिसको लेकर पूरे जमाने की पुलिस परेशान है। कारण, इस डांस का अजब तरीका और जानलेवा चैलेंज है।

यह डांस रोग अब भारत भी आ चुका है। वडोदरा में तो एक आंटी किकी डांस करते हुए मरते-मरते बची। कानून के रखवाले समझ नहीं पा रहे हैं कि इस किकी डांस के जुनून से कैसे निपटें। क्योंकि किशोर और युवा जान दांव पर लगाकर भी किकी डांस चैलेंज को स्वीकार कर रहे हैं।

चाहें तो किकी डांस चैलेंज को सोशल मीडिया की एक और बुराई या खतरनाक ‘क्रेज’ कह लें। यह इस बात का सबूत भी है कि मनोरंजन के लिए किया गया कोई डांस भी किस तरह जानलेवा क्रेज में बदल सकता है। किकी डांस दरअसल कनाडा के जाने-माने रैप गायक ओब्रे ड्रेक ग्राहम के अलबम ‘स्‍कॉर्पियन’ का एक गीत है। उन्हें संक्षेप में ‘ड्रेक’ के नाम से जाना जाता है। ‘इन माय फीलिंग्स’ शीर्षक से इस गीत की पंक्तियां हैं ‘किकी डू यू लव मी?

गीत आठ मिनट का है और पूरे वीडियो में रैप, आरएंडबी तथा हिप हॉप करते युवा हैं। इसमें सामान्य लोकप्रियता के सभी तत्व हैं। लेकिन इस ‘ड्रेक सांग’ में नया मोड़ तब आया, जब कनाडा के ही एक कॉमेडियन शिगी ने इसे नए अंदाज में जारी किया। उन्होंने इसे ‘इन माय फीलिंग्स’ चैलेंज के नाम से वायरल किया। इसमें वो एक चलती कार के समानांतर डांस करते हुए चलते हैं। साथ में गीत बजता रहता है।

इस डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाता है। यही दूसरों के लिए ‘चैलेंज’ है। यह वीडियो 30 जून को आया और देखते ही देखते ‘कुछ हट के’ के शौकीन यंगिस्तान पर छा गया। हर कोई इसकी नकल करने लगा। किकी डांस में कार का ड्रायवर बहुत धीमी गति से कार चलाता है और पीछे बैठने वाला व्यक्ति कार का पिछला दरवाजा खोल कर कार के साथ-साथ दुलदुल घोड़ी की तरह नाचता चलता है।

ड्रायवर कार चलाने के साथ इस डांस का वीडियो भी बनाता चलता है। कुछ देर नाचने के बाद नर्तक वापस कार में बैठ जाता है। वीडियो दूसरों के लिए चैलेंज के रूप में आगे पोस्ट या फारवर्ड हो जाता है।

सवाल यह भी है कि गाने में सिंगर जिससे प्यार के बारे में पूछता है, वह कि‍की है कौन? इस का जवाब रहस्यमय है। कुछ लोगों का कहना है कि किकी दरअसल कनाडा की ही एक मशहूर गायिका केशिया शांते है। जो भी हो, पगला देने वाला यह डांस क्रेज भारत आ चुका है और किशोरों से लेकर अधेड़ तक इसके रंग में रंगे जा रहे हैं। अंधी दौड़ में नाचे जा रहे हैं, गिरे जा रहे हैं। घायल हो रहे हैं, अस्पताल पहुंच रहे हैं। ट्रैफिक नियमों को धता बता रहे हैं।

ये लोग यह भी नहीं देख रहे हैं कि सामने से क्या आ रहा है, क्या जा रहा है। मगर किकी डांस चैलेंज नहीं छोड़ रहे हैं। भारत में दिल्ली, यूपी, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य कई राज्यों की पुलिस ने अलर्ट जारी ‍किया है कि इस तरह का डांस सड़कों पर करके अपनी जान से न खेलें। यूपी पुलिस ने तो अभिभावकों को मार्मिक चेतावनी दी है कि चाहे किकी आपके बच्चों को प्यार करे या ना करे, हमे यकीन है कि आप जरूर करते हैं! तो जिंदगी की सभी चुनौतियों में अपने बच्चों के साथ खड़े रहें।

लेकिन यहां तो लोग अपनी ‍ही ‍जिंदगी के साथ खड़े होने की फिकर नहीं कर रहे। आप कहेंगे कि यह सरासर मूर्खता है। यह भी कोई डांस है। लेकिन बीच सड़क पर बाराती डांस करके या किसी जुलूस या यात्रा के कारण निश्चिंत भाव से ट्रैफिक जाम करने वाले हम भारतीयों को ऐसा सवाल करने का नैतिक अधिकार नहीं है।

क्योंकि हमारा विश्वास इस सिद्धांत में है कि नियम हमारी मर्जी के हिसाब से पालन करने या न करने के लिए बने हैं। ऐसे में बीच सड़क पर किकी डांस करने में कौन सी नई बात है? जिसकी गाड़ी, उसका डांस। और कोई मौत को ही चैलेंज करना चाहता है तो कोई क्या कर सकता है?

लेकिन बात इतनी आसान नहीं है। सोशल मीडिया हर बात में जुनून पैदा करने का बेहद खतरनाक खेल खेल रहा है। जाने-अनजाने सब उसका शिकार हो रहे हैं। मनोचिकित्सकों के अनुसार किशोरावस्था में हार्मोन्स में ऐसे बदलाव होते हैं, जो किसी भी जोखिम भरे काम के प्रति आकर्षित करते हैं। ऐसे चैलेंज खाद पानी का काम करते हैं।

ताजा खबर यह है कि किकी डांस चैलेंज के वायरल होने दौर में ही, एक और खतरनाक चैलेंज ‘ड्रेगन ब्रीद’ भी आ गया है। इसमें लिक्विड नाइट्रोजन में डूबी कैंडी मुंह में रखी जाती है और नाक से ड्रैगन की तरह धुआं छोड़ा जाता है। यह भी जानलेवा गेम है।

मुद्दा यह है कि सोशल मीडिया पर चलने वाले ऐसे ट्रेंड इंसान को किस दिशा में ले जा रहे हैं? हम समाज बना रहे हैं या फिर उसे नष्ट करने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं? भारत जैसे देश में जहां सड़क हादसों में हर दिन औसतन 400 लोग रोज मरते हैं, वहां अगर सड़कों पर किकी डांस आम होने लगा तो परिणाम क्या होगा, इसकी सिर्फ कल्पना की जा सकती है।

वैसे भी यह समाज के उस वर्ग का शगल है, जिसके पास इस तरह से नाचने के लिए कार भी है। वरना बाकी तो सड़क पर फ्री का नागिन डांस करके ही अपनी हसरत पूरी कर लेते हैं। और फिर जब हमारे यहां खुद ट्रैफिक ही अममून डांस करते हुए चलता हो, वहां अलग से किसी वाहन के साथ डांस करते हुए चलने का क्या मतलब है?

और डांस भी कैसा? केवल आत्मरंजन के लिए किया गया तेज गति का कसरती डांस? ऐसा डांस जो केवल ज्यादा से ज्यादा ‘लाइक्स’ के लिए किया गया हो, लेकिन जिसे अपनी और दूसरों की ‘लाइफ’ की रंच मात्र भी चिंता न हो। अंगरेजी में तो इसे ‘किक ऑफ लॉ’ ( कानून को लात) कहा जा रहा है।

विडंबना यह है कि यह सब उस गीत की लय पर किया जा रहा है, जिसमें एक मासूम सा प्रणय निवेदन है कि किकी क्या तुम मुझसे प्यार करती हो? डर यही है कि इस प्रेम प्रश्न का उत्तर कहीं यमराज न देने लगें?

(सुबह सवेरे से साभार)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here