इटारसी में फिर उठने लगी लॉकडाउन की मांग

भारतभूषण आर. गांधी 

इटारसी/ बुधवार सुबह संक्रमित मरीजों की संख्या की जो जानकारी जारी हुई है उसमें 31 में से 24 इटारसी और 7 पिपरिया के लोग शामिल हैं। अभी शाम को जो रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट आएगी उसे लेकर अंदाज़ लगाया जा रहा है कि कल की तरह इटारसी में संक्रमित मरीजों की संख्या आधा सैकड़ा पार कर सकती है। मंगलवार के दिन सुबह जारी सूची और शाम को जारी हुई रैपिड टेस्ट की सूची के अनुसार कुल 55 मरीज संक्रमित पाए गए थे।

बीती रात इटारसी के एक मिलनसार अनाज व्यापारी संजय खंडेलवाल की भोपाल में कोरोना इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। ये खबर व्हाट्सएप्प ग्रुपों में शेयर होते ही उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करने की पोस्ट आने लगी। अनेक लोगों ने फिर से यह मांग उठाई है कि इटारसी को कम्पलीट लॉक डाउन की आवश्यकता है।

सबसे पहले जिन लोगों ने इस विषय को छेड़ा उनमें सन्देश अग्रवाल ने लिखा कि जिनके सैंपल गए हैं या जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनके नाम सार्वजनिक किये जाने चाहिए, क्योंकि शहर में कई लोग जो संक्रमित हैं या संक्रमित होने की आशंका में हैं वो सरेआम बाज़ार में घूम रहे हैं। यदि नाम सार्वजनिक करना शुरू कर दिया गया तो लोगों को पता होगा और ऐसे लोगों को समझाइश देना और उनसे दूरी बनाये रखना आसान हो जायेगा।

इस मांग पर रुपिंदर बिंद्रा, सत्यम अग्रवाल, अभिषेक तिवारी, खेमराज परिहार, कैलाश नवलानी, विनीत चौकसे, अर्जुन भोला आदि अनेक व्यापारी एवं गणमान्य नागरिकों ने सहमति जताई। कैलाश नवलानी ने यह भी लिखा कि लोगों को स्थानीय प्राइवेट डॉक्टरों से बराबर रेस्पोंस नहीं मिल रहा है, इसलिए सरकारी अस्पताल की तरफ रुख करें, क्योंकि वहां अलग से एक केंद्र बनाया गया है।

विषय की गंभीरता को देखते हुए भारतभूषण आर. गांधी ने लिखा कि गोपनीयता के नाम पर संभावित पॉजिटिव के नाम सार्वजनिक न किये जाने के शासकीय निर्देश का दुरुपयोग लोगों द्वारा किया जा रहा है। इस पर बॉबी छाबडा ने लिखा कि यदि नाम सार्वजनिक किये गए तो जिनके नाम सामने आयेंगे उनकी इज्जत पर आंच आ सकती है, इसलिए ऐसे में स्वयं क्वारनटाइन कर लेना चाहिए। इस पर संदेश अग्रवाल ने जवाब दिया कि लोग छुपा रहे हैं कि उनकी तबियत ख़राब है जबकि उन्हें खुद कहना चाहिए कि उनकी तबियत खराब है, उनका सैंपल लिया गया है इसलिए उनसे दूर रहें।

विनीत चौकसे ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि जो संक्रमण की चपेट में आये हैं उन्हें स्वयं घोषणा कर देना चाहिए।  कोरोना एड्स जैसी छुपाने लायक बीमारी नहीं है और जिनके सैंपल लिए गए और टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आती है लोगों को सहयोग करने के लिए धन्यवाद दे सकते हैं। मुर्तजा खान ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि जिस प्रकार से संक्रमित हुए लोगों के साथ पूर्व में व्यवहार हुआ वो भी एक कारण हो सकता है कि लोग जानकारी छुपा रहे हैं।

आरोग्य सेतु एप्लीकेशन को लेकर भी लोग अभी तक संजीदा नहीं हैं जबकि मध्यमत द्वारा इटारसी बुलेटिन के माध्यम से अनेक बार अपील की जा चुकी है कि सभी लोग अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु को डाउनलोड कर इनस्टॉल कर लें। लेकिन महज़ साढ़े चार से पांच किलोमीटर के व्यास में बसे और मतदाताओं की संख्या के मान से वयस्क नागरिकों की करीब सवा लाख की आबादी वाले इस शहर में महज़ 34500 लोगों ने आरोग्‍य सेतु को अपने मोबाइल में इनस्टॉल किया है।

स्थानीय और नगरीय प्रशासन द्वारा नगर में मुनादी करवाई जानी चाहिए कि लोग अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप इनस्टॉल कर लें। बाज़ार में दुकानदार उन्हीं ग्राहकों को सामान दें जिन्होंने आरोग्य सेतु इनस्टॉल कर रखा हो।  मोबाइल एवं मोबाइल एक्सेसरीज विक्रेता भी आरोग्य सेतु इनस्टॉल करवाएं। शासन की गाइडलाइन्स के अनुसार सभी शासकीय-अशासकीय संस्थाओं के अधिकारियों, कर्मचारियों को आरोग्य सेतु इंस्टाल करने के निर्देश जारी किये गये थे, अब उन्हें भी जिम्मेदारी के साथ आमजन को आरोग्य सेतु इनस्टॉल करने के लिए कहना चाहिए।

विमान यात्रा करने से पहले जैसे इस एप्लीकेशन के इंस्टाल करने की पुष्टि की जाती है वैसे ही सभी अन्य संस्थाएं भी किसी भी सुविधा को देने से पहले इसका इन्‍स्‍टॉलेशन सुनश्चित करें और तभी अपनी सेवाएँ प्रदान करें। शायद तभी भारत सरकार द्वारा कोरोना से लड़ने में मदद करने की मंशा से लांच किये गए आरोग्य सेतु एप्लीकेशन की उपयोगिता सिद्ध हो सकेगी।

बहरहाल इटारसी में जिस प्रकार से संक्रमण का विस्तार हो रहा है वो विस्फोटक परिस्थितियों को जन्म दे सकता है इसलिए नगरीय प्रशासन और नागरिक दोनों को ही स्वयं और परस्पर जिम्मेदार होने की आवश्यकता है। अभी जो प्रयास नगरीय प्रशासन द्वारा बाज़ार को व्यवस्थित करने के साथ साथ कोरोना के विस्तार पर रोक लगाने की मंशा से किये जा रहे हैं वो कारगर सिद्ध होंगे यही कामना है।

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