भोपाल/ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आज ऐसी शक्तियों को पहचानना जरूरी है, जो देश को बाँटने का काम कर रही हैं। भारत की संस्कृति अनेकता में एकता की संस्कृति है। इसकी असली शक्ति आध्यात्मिक शक्ति है, जो देश को बांधे रखती है और आगे बढ़ाती है।
राजधानी में यादव महासभा के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि यादव समाज हर क्षेत्र में जागरूक समाज है। इस नाते यादव समाज की बुजुर्ग और नौजवान पीढ़ी का कर्तव्य है कि देश के मूल्यों को पहचाने। नई पीढ़ी को देश के सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराएं, इससे जोड़े रखें। विश्व में भारत एकमात्र देश है, जो विविधताओं के बावजूद एक झण्डे के नीचे शान से खड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्ग और नई पीढ़ी में बहुत अंतर है। नई पीढ़ी की पहुंच तकनीकी और ज्ञान तक है। नई पीढ़ी सिर्फ आगे बढ़ने के अवसर चाहती है। उनमें क्षमता और प्रतिभा दोनों है। नया मध्यप्रदेश बनाना और इसकी नई पहचान बनाना चुनौती है। मध्यप्रदेश की नई पहचान पर हर नागरिक को गर्व होना चाहिए। हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश की नई पहचान बने चाहे वह आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र हो। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक गतिविधियां बढ़ाकर रोजगार के अवसर युवाओं को देना सबसे पहली प्राथमिकता है। रोजगार निर्माण आर्थिक गतिविधि का ही एक आयाम है।
यादव समाज को भूमि उपलब्ध कराने एवं अन्य मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे यादव समाज को निराश नहीं होने देंगे। इस अवसर पर यादव महासभा के महासचिव दामोदर यादव ने कहा कि कमलनाथ घोषणाओं पर नहीं, काम पर विश्वास करने वाले मुख्यमंत्री हैं। वे मध्यप्रदेश को नई ऊँचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने और समन्वय भवन का नाम स्वर्गीय सुभाष यादव की स्मृति में रखने के लिए समाज की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी अधिवेशन को संबोधित किया।
इस अवसर पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री सचिन यादव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव, पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, योगेन्द्र मंडलोई एवं बड़ी संख्या में यादव समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।