हर मामले में फटे में टांग फंसाने के आदी आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी कि मोदी कहां तक पढ़े लिखे हैं। सूचना के अधिकार के तहत केजरीवाल को दी गई जानकारी से यह बात सामने आई कि नरेंद्र मोदी राजनीति विज्ञान में प्रथम श्रेणी में मास्टर्स डिग्री रखते हैं। यानी वे स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त हैं।
केजरीवाल का मामला जैसे तैसे सुलझा ही था कि अब कांग्रेस के बड़बोले महासचिव दिग्विजयसिंह ने नया राग छेड़ दिया है। वे मोदी की जन्म तिथि के बारे में जानकारी चाहते हैं। इससे पहले दिग्गी राजा ने केजरीवाल के सुर में सुर मिलाते हुए कहा था कि देश को एक अनपढ़ प्रधानमंत्री भी चलेगा लेकिन वह प्रधानमंत्री नहीं चल सकता जो जानकारी को छिपाता हो। तमाम हंगामे के बाद मोदीजी की डिग्री सामने आई। अब दिग्विजयसिंह ने एक बहुत पुराना वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर डाला है जिसमें कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला मोदीजी का इंटरव्यू करते हुए उनसे उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में सवाल कर रहे हैं और मोदीजी उन्हें बता रहे हैं कि उनकी शिक्षा हाईस्कूल तक है। दिग्गी ने यह वीडियो डालकर यह साबित करने की कोशिश की है कि प्रधानमंत्री की स्नातकोत्तर डिग्री फर्जी है और असलियत में तो वे हाईसकूल पास ही है।
यह लोगों को सरासर भ्रमित करने की चाल है। जो वीडियो दिग्गी राजा ने ट्विटर पर डाला है वह सालों पुराना है। उसमें जवान दिख रहे राजीव शुक्ला वे हैं जो न कांग्रेस के नेता थे और न ही आईपीएल के कमिश्नर। वे उस समय सिर्फ पत्रकार हुआ करते थे। उस जमाने के वीडियो को डालकर दिग्गी यह साबित करना चाह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने झूठ बोला है। लेकिन वे शायद यह भूल गए कि इतने सालों में कोई व्यक्ति हाईस्कूल के बाद की पढ़ाई भी तो कर सकता है। मामला चाहे जो हो, इस मामले पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति हो रही है। दिग्गी का मकसद शायद आगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाले से लोगों का ध्यान हटाना है, जिस घोटाले में कांग्रेस फंसती नजर आ रही है।
और वैसे भी इन केजरीवाल और दिग्विजयसिंह जैसे नेताओं को किसी की डिग्री और जन्मतिथि में इतनी रुचि क्यों है। अपना काम तो ठीक से हो नहीं रहा दूसरों के इतिहास को जानने में लगे हैं। आखिर प्रधानमंत्री की डिग्री और जन्म तारीख पता करने से इस देश का क्या भला हो जाएगा? क्या इस देश के पास ये ही समस्याएं बची हैं। क्या इन नेताओं के पास और कोई काम नहीं है? मुद्दा यह है कि आखिर देश इस तरह की छिछोरी राजनीति को कब तक झेलता रहेगा।