भोपाल/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि को लाभ का धंधा बनाकर किसानों की जिन्दगी बदलने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार निरंतर सक्रिय है। किसानों को राहत, सहयोग और प्रोत्साहन लगातार जारी रहेगा। कोरोना के कारण आर्थिक संकट जरूर है पर जरूरत होने पर किसान को सहयोग करना पड़ा तो उधार लेकर भी राहत पहुंचायी जाएगी। किसानों का सुरक्षा कवच बना रहेगा। फसल बीमा योजना को और अधिक कृषक हितैषी व सुलभ बनाने के लिए इसका संचालन राज्य शासन की कंपनी से कराने और विभिन्न अनुदान की राशि सीधे किसान के खाते में जारी करने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को भोपाल में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मौसम आधारित उद्यानिकी फसल बीमा योजना की बीमा दावा राशि के 100 करोड़ रुपए 1 लाख 72 हजार किसानों के खाते में सिंगल क्लिक द्वारा अंतरित किए। मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि के अंतर्गत 1 लाख 75 हजार किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की अंतरित की गई। शुक्रवार को 5 लाख 70 हजार 298 किसानों को यह राशि जारी की गई थी। प्रदेश के 77 लाख किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ दिया जाना है। राशि अंतरण की प्रक्रिया सतत् जारी रहेगी।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये प्रति किसान प्रदान किये जाते हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से अब प्रति वर्ष दो किश्तों में दो-दो हजार रुपये की सम्मान-निधि किसानों को उपलब्ध करायी जाएगी। इस प्रकार मध्यप्रदेश किसान सम्मान-निधि में प्रति वर्ष किसानों को 10 हजार रुपये प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों को जमीनों की जानकारी सरलतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिए राजस्व विभाग द्वारा बनाये गए ‘सीमांक ऐप’ का लोकार्पण भी किया।
प्रधानमंत्री किसान कल्याण के लिए समर्पित
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिलों के प्रावधानों पर कृषकों से विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसान कल्याण के लिए समर्पित हैं। किसानों को हरसंभव सहायता और आगे बढ़ने के मौके उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को फसल बेचने के लिए मंडी के साथ-साथ उपलब्ध कराये जा रहे अन्य विकल्पों, कृषि के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास तथा अन्य प्रावधानों पर चौहान ने संवाद भी किया।
एक जिला-एक उत्पाद योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश के जिलों में हो रही फल और सब्जी की पहचान स्थापित करने के लिए 7 हजार 500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये हैं। ‘एक जिला-एक उत्पाद योजना’ के तहत जिलों के मुख्य कृषि उत्पाद को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर कृषि मिशन के अंतर्गत इन फसलों की गुणवत्ता सुधार, सोर्टिंग, ग्रेडिंग, पैकिंग आदि कर इस प्रकार वैल्यू एडिशन किया जाएगा, जिससे विदेशों में भी प्रदेश के कृषि उत्पादों की मांग बढ़े। जिलों में एक्सपोर्ट कलस्टर भी स्थापित किए जाएंगे। इस मिशन के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना के लिए कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध होगा। यह ऋण किसानों, कृषकों के उत्पादक संघों और कृषक सहकारी संघों को ही प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्यानिक एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि किसान पुत्र चौहान की सक्रियता और संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि वे कोरोना के कठिन काल में समाज के हर वर्ग और व्यक्ति के साथ खड़े नजर आए। कुशवाह ने किसानों की फसलों को आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों में चैन फेंसिंग की व्यवस्था करने का आग्रह किया। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कंहा कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना पर 32 सौ करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल शहडोल और देवास के किसानों से बातचीत की। शहडोल के ग्राम गोडारु के किसान अरुण पाल सिंह गौंड ने मुख्यमंत्री चौहान से कहा कि जरूरत पड़ने पर अब तक तो सहकारी बैंक से जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण ले लेते थे पर अब मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में राशि मिलने से अब लोन की जरूरत ही नहीं रहेगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के जीवन में चार हजार रुपये भी बहुत महत्व रखते हैं।