मध्य प्रदेश में जिला प्रशासन ने बाल विवाह रोकने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है. अक्षय तृतीया सहित विभिन्न मौके पर होने वाले बाल विवाह रोकने के लिए सरकार ने जागरूकता अभियान के साथ कानून का उल्लंघन करने पर सजा के बारे में भी सभी को अवगत कराना शुरू कर दिया है.
राज्य सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि बाल विवाह की सूचना निकटतम थाने या ग्राम की आंगनवाडी कार्यकर्ता या निर्धारित टोल फ्री नंबर पर की जाए.
सरकार ने प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटरर्स, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैंड वाला, घोड़ी वाला, ट्रांसपोर्ट वाले, ब्यूटीपार्लर, संचालक मंगल भवन आदि से अनुरोध है कि बालक एवं बालिका के उम्र संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के उपरांत ही सेवायें प्रदाय करें.
इस नियम का उल्लंघन करने पर बाल विवाह अधिनियम के तहत 2 वर्ष का कारावास एवं एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते है.