रचना संसारहेडलाइन शुभरात्रि शायरी By मध्यमत - 0 72 FacebookTwitterPinterestWhatsApp तुझे भुला देंगे अपने दिल से ये फ़ैसला तो किया है लेकिन न दिल को मालूम है न हम को, जिएँगे कैसे तुझे भुला के