जर्मन कंपोजर बिली वॉगन की इस धुन ने दुनिया भर में ऐसी धूम मचाई थी कि पूछिए मत। इस धुन को ‘कम सेप्टेंबर’ नाम दिया गया। 1970 के दशक का युवा भारत इस धुन पर क्या झूमा था… आप सोच नहीं सकते। वह ग्रामोफोन रिकार्ड और रॉक एंड रोल का जमाना था और ‘कम सेप्टेंबर’ के रिकार्ड की रिकार्ड तोड़ बिक्री हुई थी। डिस्क के एक तरफ थी धुन ‘कम सेप्टेंबर’ और दूसरी तरफ ‘बर्लिन मेलोडी’। यदि आप सुनें तो ये दोनों धुनें आज भी झूमने को मजबूर कर देंगी। आज शादी बारात में नागिन डांस की बड़ी चर्चा होती है, लेकिन 70 के दशक में शायद ही ऐसी कोई बारात होती होगी जिसमें बैंड बाजे वालों से इस धुन की फरमाइश न होती हो। सिगरेट जैसी चिपकी हुई पैंट पहने युवा, कमर को दाएं बाएं घुमाते, हाथों को दोनों तरफ लहरा कर, बार बार एक टांग कमर तक उठाकर पटकते हुए हर बारात में देखे जा सकते थे। सितंबर माह में उसी धुन को याद करते हुए, आप भी सुनिए बिली वॉगन की यह अद्भुत कंपोजिंग…