भोपाल/ भावांतर भुगतान योजना में मध्यप्रदेश की करीब 85 प्रतिशत मंडियों में किसानों को कृषि उपज बेचने पर 50 हजार रुपये का नगद भुगतान सुनिश्चित हो गया है। किसानों को कृषि उपज के विक्रय मूल्य की 50 हजार राशि नगद मिल रही है। शेष राशि आरटीजीएस द्वारा किसानों के खातों में पहुँच रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत किसानों के हित में जारी आदेशों का प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों में शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हो गया है। ए-श्रेणी की 23 कृषि उपज मंडियों में अब तक पंजीकृत किसानों को बिक्री के एवज में 127.36 करोड़ रुपये का नगद भुगतान किया गया है। शेष 251 करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से उनके खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे ने संभाग की 27 मंडियों में किसानों को 10 हजार रुपये कैश भुगतान की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करते हुए वहाँ 50 हजार रुपये नगद भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली है। इंदौर और धार की कृषि उपज मंडियों में टोकन के माध्यम से कैश भुगतान किया जा रहा है।
भावांतर भुगतान योजना में 16 अक्टूबर से अब तक पंजीकृत 54 हजार 231 किसानों ने 2 लाख 24 हजार टन सोयाबीन बेची है। प्रदेश में सोयाबीन की औसत बिक्री मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। यह दर राजस्थान और महाराष्ट्र की मंडी में आज प्रचलित औसत आदर्श दर के बराबर है, जो भारत शासन के एगमार्क नेट पोर्टल पर दर्ज है।